नई दिल्ली स्थित वाईडब्ल्यूसीए कॉन्फ्रेंस हॉल में दिनांक 19 अप्रैल 2025 को आयोजित किसानों की राष्ट्रीय संयुक्त परिषद की बैठक में देशभर से आए प्रमुख किसान नेताओं ने किसानों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। इस बैठक में तमिलनाडु से डी. गुरुसामी, भारत कृषक समाज से डॉ. कृष्णवीर चौधरी, पंजाब से भूपेन्द्र सिंह मान, भाकियू (अ) से धर्मेन्द्र मलिक, शेतकरी संगठन से अनिल घनवटे, हरियाणा से डॉ. गुनी प्रकाश और एमएसपी समिति के सदस्य बिनोद आनंद सहित अनेक किसान नेता शामिल हुए।
इस मौके पर पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को किसानों का मौलिक अधिकार बताते हुए कहा कि एमएसपी किसानों को बाजार में दामों की गिरावट से सुरक्षा प्रदान करता है। जब बाजार मूल्य एमएसपी से नीचे चला जाता है, तो किसानों के लिए कानूनी रूप से अनिवार्य मुआवजा तंत्र लागू किया जाना चाहिए। इसके साथ ही अनिवार्य न्यूनतम बिक्री मूल्य और प्रभावी बाजार हस्तक्षेप योजना से एमएसपी से कम कीमतों को रोका जा सकता है।
कृषि उपकरणों की अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) नीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सभी कृषि मशीनों और औजारों की पारदर्शी वैधानिक लेबलिंग होनी चाहिए, जिसमें सभी कर शामिल हों, और देशभर के डीलर या निर्माता कोई अतिरिक्त मूल्य न जोड़ें।
कार्बन क्रेडिट मार्केटिंग योजना पर चर्चा करते हुए अशोक बालियान ने कहा कि किसानों को इस योजना की जानकारी नहीं है और सरकार की उदासीनता भी चिंता का विषय है। इस दिशा में सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
जल प्रबंधन पर उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल संसाधन विभाग के अधीन मृदा एवं भूमि उपयोग संस्थान (SLUSI) द्वारा तैयार किए गए एटलस के अनुसार सभी सूक्ष्म जलग्रहण क्षेत्रों में जल संग्रहण और मृदा क्षरण को रोकने के लिए प्रभावी प्रणाली का उपयोग किया जाता है। इसे वहाँ आगे बढ़ाने की जरूरत है जहाँ इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
अंत में उन्होंने सम्मेलन के आयोजक और तमिलनाडु के किसान नेता डी. गुरुसामी को धन्यवाद देते हुए आशा व्यक्त की कि इस बैठक में मिले सुझावों को सरकार के समक्ष प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे किसान हितों की रक्षा हो सके।