हरियाणा के पानीपत में पकड़े गए आईएसआई एजेंट नोमान इलाही के मामले में जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। कैराना के बाजार बेगमपुरा निवासी नोमान को पानीपत पुलिस ने तीन दिन पहले गिरफ्तार किया था। अब उसके नेटवर्क से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं।
कैराना में पुलिस का सर्च ऑपरेशन
शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे, पानीपत सीआईए फर्स्ट की टीम दो गाड़ियों के काफिले में नोमान इलाही को लेकर कैराना पहुंची। स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में टीम ने उसके घर का ताला खुलवाया और गहन तलाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस ने कई व्यक्तियों के पासपोर्ट और कुछ संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। तलाशी के समय मोहल्ले में भारी भीड़ जुट गई थी।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भेजा जाना था श्रीनगर
पुलिस की जांच में पता चला है कि नोमान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत श्रीनगर भेजने की योजना थी। उसके मोबाइल से प्राप्त व्हाट्सएप चैट्स में यह खुलासा हुआ कि उसे सेना से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी श्रीनगर से भेजने के निर्देश मिले थे। इसके बदले में उसे मोटी रकम का लालच दिया गया था।
दो वर्षों से पाक को भेज रहा था सूचनाएं
जांच में सामने आया कि नोमान पिछले दो साल से लगातार पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारियाँ भेज रहा था। मोबाइल पर बातचीत के बाद वह चैट्स को डिलीट कर देता था। हालांकि, पाकिस्तानी एजेंट्स से आई चैट्स, वीडियो कॉल्स के स्क्रीनशॉट और रिकॉर्डिंग्स उसके मोबाइल में सुरक्षित पाए गए।
सोशल मीडिया में निपुण, केवल आठवीं पास
पानीपत के कार्यवाहक एसपी गंगाराम पूनिया के मुताबिक, नोमान सिर्फ आठवीं तक पढ़ा है, लेकिन सोशल मीडिया का बेहद कुशल उपयोग करता है। वह पानीपत की मनमोहन कॉलोनी में अपनी बहन के पास रह रहा था, जहां वह सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम कर रहा था। इसी नौकरी की आड़ में वह संवेदनशील जानकारी एकत्र कर पाकिस्तान भेजता था।
परिवार और आगे की जांच
नोमान के परिवार में दो भाई और तीन बहनें हैं। गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां उसके पूरे नेटवर्क और डिजिटल गतिविधियों की बारीकी से जांच कर रही हैं। पुलिस अब उसके संपर्कों और वित्तीय लेन-देन का भी पता लगाने में जुटी है।