मंडी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को मंडी जिले के बगस्याड़, थुनाग, जंजैहली और आसपास के क्षेत्रों का दौरा कर आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक प्रभावित परिवार को घर निर्माण के लिए 7 लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, गोशालाओं और मवेशियों की हानि पर भी उचित मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बगस्याड़ राहत शिविर में रुककर पीड़ितों के साथ भोजन किया और उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे भविष्य की आपदाओं से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर घर बनाएं। शरण गांव के दौरे के दौरान भी उन्होंने पीड़ितों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
वन भूमि को लेकर केंद्र से मांगी जाएगी अनुमति
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में 68% भूभाग वन क्षेत्र में आता है, जबकि शेष 32% भूमि पर लगभग 70 लाख लोग निवास करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वन भूमि के उपयोग की अनुमति केंद्र सरकार के अधीन है। ऐसे में उन्होंने राज्य के सांसदों से अपील की कि वे केंद्र से वन भूमि हस्तांतरण के लिए प्रयास करें ताकि प्रभावितों को पुनर्वास के लिए ज़मीन उपलब्ध कराई जा सके।
“यह समय राजनीति का नहीं, सेवा का है”
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र सराज में राहत कार्यों पर उठते सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के कुछ नेता गैर-जरूरी बयानबाज़ी कर रहे हैं, जबकि सड़कों की बहाली सहित राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। उन्होंने बताया कि जयराम ठाकुर के आग्रह पर हवाई सर्वेक्षण के लिए सेना का हेलिकॉप्टर उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री ने दोहराया, “यह समय राजनीति करने का नहीं है, बल्कि आपदा पीड़ितों के साथ खड़े होने का समय है।”
कंगना रणौत को भी दिया सुझाव
सीएम ने मंडी से सांसद कंगना रणौत को सलाह दी कि जनता ने उन्हें अपना प्रतिनिधि चुना है, इसलिए उनका कर्तव्य है कि वे आपदा राहत के लिए केंद्र से अधिक से अधिक सहायता सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन समय में आरोप-प्रत्यारोप से कुछ हासिल नहीं होगा, ज़रूरत है मिलकर काम करने की।
मुख्यमंत्री का मंडी दौरा मौसम के कारण पहले स्थगित हुआ था, लेकिन अब वे थुनाग में रात्रि विश्राम के बाद बड़ा पंचायत का दौरा करेंगे। यदि मौसम खराब रहा, तो वे सड़क मार्ग से रवाना होंगे।