उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जैसे ही सुलह के भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार मुख्यमंत्री और उन्हें अपने क्षेत्र में आमंत्रित करेंगे, पेयजल योजना का उद्घाटन कर दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस योजना का जिक्र विधायक परमार ने किया है, उसका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और टेस्टिंग भी हो चुकी है।
इससे पहले परमार ने जल शक्ति विभाग से सवाल पूछा कि विभाग में कुल कितने ठेकेदार पंजीकृत हैं और बीते ढाई साल में कितने ठेकेदार ब्लैकलिस्ट किए गए। जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि परमार स्वयं विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ चुके हैं और उनका सवाल काफी व्यापक है। उन्होंने जानकारी दी कि जल शक्ति विभाग में इस समय 11,143 ठेकेदार विभिन्न श्रेणियों में पंजीकृत हैं, जिनमें 215 ए श्रेणी, 293 बी श्रेणी, 852 सी श्रेणी और 9783 डी श्रेणी के ठेकेदार शामिल हैं।
पिछले दो वर्षों में विभाग ने 92,619 कार्य अलग-अलग श्रेणियों के ठेकेदारों को आवंटित किए। इनमें से 74,336 कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि 18,253 कार्य अधूरे हैं। इन योजनाओं पर कुल 6,605 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। अब तक 4,000 करोड़ रुपये का भुगतान ठेकेदारों को किया जा चुका है, जबकि 2477 करोड़ रुपये की राशि अभी जारी की जानी बाकी है।
नेरवा में नया बस अड्डा, बंद रूट बहाल होंगे
उपमुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि चौपाल विधानसभा क्षेत्र के नेरवा में नया बस अड्डा बनाया जाएगा, जिसकी भूमि का चयन कर लिया गया है। यहां एचआरटीसी अपना डीजल पंप भी स्थापित करेगी। विधायक बलबीर वर्मा के सवाल पर उन्होंने बताया कि पूर्व सरकार के समय चौपाल में सात बस रूट बंद कर दिए गए थे। वर्तमान में तारादेवी और नेरवा डिपो से 148 बसों की स्वीकृति है, लेकिन 121 बसें ही उपलब्ध हैं। इनमें से 42 बसें नेरवा क्षेत्र में चलती हैं।
उन्होंने कहा कि शेष रूटों को चालू करने के लिए 42 अतिरिक्त बसों की जरूरत होगी। निगम ने नई बसों की खरीद के ऑर्डर दे दिए हैं और इनके मिलने पर बंद रूटों को फिर से शुरू किया जाएगा। फिलहाल 14 में से 3 रूटों पर ही बसें नहीं हैं, शेष में वैकल्पिक सेवाएं उपलब्ध हैं।
खदर–सोलन रूट को लेकर उठे सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस मार्ग की आय केवल 35 रुपये थी। हालांकि इसे दोबारा शुरू करने पर अधिकारियों से विचार-विमर्श किया जाएगा।