राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रदेश में मौजूदा बाढ़ और बारिश की स्थिति पर जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में मानसून फिलहाल कमजोर पड़ने के संकेत नहीं दे रहा है। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलधार बारिश दर्ज की गई, जिससे जनजीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
मंत्री ने बताया कि 4 राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 383 से अधिक सड़कें मलबा और भूस्खलन के चलते बंद हैं। इन्हें साफ कर यातायात बहाल करने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। इसके अलावा, 747 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर (डीटीआर) और करीब 249 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं।
बारिश से जुड़ी घटनाओं में इस अवधि में 98 लोगों की मौत हुई है, जबकि 78 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। 468 पक्के मकान पूरी तरह ध्वस्त, 1,009 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, और 286 दुकानें भी नुकसान की चपेट में आई हैं।
पशुधन को भी भारी क्षति पहुंची है — 1,327 पशुओं की मौत हुई है और 1,200 से अधिक पशुशालाएं बर्बाद हो गई हैं। बाढ़ और बारिश के चलते खेतों और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर फसलें बह गईं और खेत मिट्टी से पट गए, जिससे कृषि क्षेत्र को लगभग 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।