हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया है। राज्य में शुक्रवार सुबह तक एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कुल 236 सड़कें यातायात के लिए बाधित रहीं। इसके अलावा 56 बिजली ट्रांसफार्मर और 139 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। सबसे अधिक असर मंडी जिले में देखा गया, जहां 144 सड़कें और 65 जल परियोजनाएं ठप पड़ी हैं।

चंबा में भूस्खलन से संपर्क मार्ग बंद

चंबा जिले के चुराह उपमंडल में नकरोड़-चांजू सड़क (कठवाड़-घारे) पर भारी भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह से बंद हो गया। मार्ग बंद होने से बघेईगढ़, चांजू, चरड़ा और देहरा ग्राम पंचायतों का संपर्क कट गया है। स्थानीय लोगों ने लोक निर्माण विभाग से शीघ्र मार्ग बहाली की मांग की है। विभागीय अधिशासी अभियंता जोगेंद्र शर्मा ने बताया कि मार्ग खुलवाने के लिए मशीनरी और श्रमिकों को मौके पर भेजा गया है।

बारिश का दौर अभी जारी रहेगा

मौसम विज्ञान केंद्र, शिमला के अनुसार, राज्य में 26, 30 और 31 जुलाई को हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जबकि 27, 28 और 29 जुलाई को अधिकांश स्थानों पर बारिश के आसार हैं। 25 जुलाई को भी कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। विभाग ने 26 से 31 जुलाई तक कई इलाकों में भारी वर्षा की चेतावनी के तहत येलो अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटों में तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है।

मानसून में अब तक 147 लोगों की जान गई, 1,500 से अधिक घर क्षतिग्रस्त

राज्य में इस मानसून सीजन के दौरान, 20 जून से 24 जुलाई तक, वर्षाजनित हादसों में अब तक 147 लोगों की मौत हो चुकी है और 229 घायल हुए हैं। 34 लोग अब भी लापता हैं। इनमें से 68 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं। बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ के चलते अब तक 1,553 मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं, साथ ही 1,099 गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है और 1,335 पालतु पशुओं की मौत हो चुकी है। राज्य को अब तक लगभग 1,387 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है।