हिमाचल: मंत्री पद के लिए बिलासपुर से छंटी धुंध, अभी कांगड़ा से चेहरा धुंधला

कैबिनेट विस्तार पर बिलासपुर जिले से धुंध छंट चुकी है, मगर कांगड़ा से चेहरा धुंधला है। सीएम सुखविंद्र सिंह सुुक्खू के बिलासपुर व कांगड़ा को मंत्री देने के बयान के बाद सियासत गरमा गई है। लोस चुनाव से पूर्व नए मंत्री बनने तय हैं। इससे पहले नवरात्र में मंत्रियों की शपथ के कयास थे तो अब तलबगारों की आस दिवाली पर टिकी है। सियासी पंडितों के अनुसार सुक्खू तीन रिक्तियों पर दो मंत्री ही तय कर सकते हैं।

पिछली कांग्रेस सरकार में भी बारी-बारी मंत्री बने थे। जैसा तब वीरभद्र सिंह ने किया था, सुक्खू भी मंत्री की एक कुर्सी खाली रखकर नई सियासी बिसात बिछा सकते हैं। वजह यह भी है कि हमीरपुर और कुल्लू में ऐसे दावेदार अभी हैं, जो अपने ऊंचे सियासी कद या क्षेत्रीय संतुलन के ठोस तर्क दे रहे हैं। कांग्रेस के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद के लिए सुक्खू के नाम की घोषणा हुई तो यह माना जाने लगा कि धर्माणी हर हाल में मंत्री बनेंगे, पर ऐसा नहीं हुआ।

मुख्यमंत्री सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के शपथ लेने के महीने भर के इंतजार के बाद कैबिनेट में जो सात मंत्री शामिल हुए, उनमें धर्माणी नहीं थे। हालांकि सुक्खू के दोस्त रहे धर्माणी भी उनकी तरह वीरभद्र खेमे से हमेशा दूर रहे। इसीलिए वर्ष 2012 में ब्राह्मण समुदाय के धर्माणी हाईकमान के पास जातीय और क्षेत्रीय संतुलन की दुहाई देते हुए भी मंत्री नहीं बने।

सुक्खू-धर्माणी का यह अनोखा रिश्ता उनके अब तक मंत्री न बनने से अबूझ पहेली बना है। सुक्खू के बयान से साफ है कि एक मंत्री बिलासपुर से होगा। चूंकि बिलासपुर से धर्माणी कांग्रेस से इकलौते विधायक हैं। इससे लग रहा है कि वह मंत्री बन जाएंगे। सुक्खू ने कांगड़ा से भी मंत्री बनाने की बात कही है, मगर वहां से दो मंत्री बनेंगे, ऐसा नहीं कहा है। वहां मंत्री पद के लिए शुरू से दावेदार धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा सब्र का बांध थामे हैं।

धर्माणी मंत्री बनते हैं तो दूसरे ब्राह्मण चेहरे को कैबिनेट में न लेेने के बहाने भी सुधीर दौड़ से बाहर हो सकते हैं। दूसरे ब्राह्मण नेता ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन भी इस पैमाने से अनदेखे हो सकते हैं, जो पहले सुक्खू विरोधी खेमे में रहे हैं। उधर, विधायक भवानी पठानिया  भी सुक्खू से नजदीकियां बना चुके हैं। 

खरगे का दबाव बना तो एससी चेहरा होगा एक मंत्री
अनुसूचित जाति (एससी) का फैक्टर चला और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का दबाव बना तो जयसिंहपुर के विधायक यादविंद्र गोमा मंत्री बन सकते हैं, मगर मुख्य संसदीय सचिव व बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल मंत्री बनने के लिए एससी में वरिष्ठता की दुहाई देकर उनके रास्ते में खड़े हो सकते हैं।

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