हिमाचल: मंत्री पद नहीं मिलने से अब तीसरे विधायक कुलदीप राठौर ने जताई नाराजगी

हिमाचल प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस विधायकों की नाराजगी अप्रत्यक्ष रूप से सामने आने लगी है। पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा, विधायक राजेश धर्माणी के बाद अब कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर के भी तेवर तल्ख हो गए हैं। कैबिनेट में न लेने और आगामी विस्तार में शामिल करने के लिए तीनों विधायकों के समर्थक दबाव बनाने लगे हैं और सोशल मीडिया पर भी खुलकर उतर आए हैं।  ठियोग से कांग्रेस विधायक एवं पूर्व पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने फेसबुक पेज पर अंग्रेजी में एक टिप्पणी की, जिसका अनुवाद है – ‘सब कुछ नकारात्मक दबाव, चुनौतियां उनके लिए उठने और बाधाओं से और अधिक मजबूती से लड़ने की ताकत देने का एक अवसर है।

’ इस पर उनके समर्थकों के भी लगातार कमेंट कर रहे हैं। एक समर्थक ने लिखा है कि उनकी उपस्थिति कैबिनेट में बहुत जल्दी महसूस होगी। एक ने कहा कि वह उन्हें टॉप टेन पर देखना चाहते हैं। उधर, बिलासपुर सदर से पूर्व विधायक एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व विधायक परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर बाबू राम गौतम और पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष राम प्रकाश धीमान ने रोष जताया कि राजेश धर्माणी को मंत्रिमंडल में स्थान देना चाहिए। मंडी के धर्मपुर से चंद्रशेखर, हमीरपुर के सुजानपुर से राजेंद्र राणा को मंत्री बनाने की मांग भी समर्थक दबी जुबान में उठा रहे हैं। कांगड़ा से अभी एक मंत्री ही बनाए गए हैं तो वहां के विधायकों के प्रदेश मंत्रिमंडल में आने की संभावना अभी बनी हुई है। ऐसे में सुधीर शर्मा के समर्थक उन्हें कैबिनेट में लाने के लिए दबाव बना रहे हैं, जबकि शिमला में यह संभावना खत्म हो चुकी है। शिमला जिले से तीन मंत्री बनाए जा चुके हैं। ऐसे में पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर के समर्थकों में निराशा है। 

मेरे लिए मंत्री पद महत्वपूर्ण नहीं, कार्यकर्ताओं ने अपनी आशा अनुरूप रखे विचार : धर्माणी

घुमारवीं के विधायक एवं पूर्व सीपीएस राजेश धर्माणी ने कहा कि मंत्रिमंडल में सभी विधायकों को जगह मिले, यह संभव नहीं है। कैबिनेट विस्तार पर मुहर लगने से पहले समाचार पत्रों में उनके मंत्री बनने की खबरें प्रकाशित होती रहीं। मंत्री न बन पाने से कार्यकर्ताओं ने अपनी आशा के अनुरूप विचार व्यक्त किए हैं। मेरे लिए मंत्री पद महत्वपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद विकास करना है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और सभी मंत्रिमंडल के सहयोग से विकास किया जाएगा। पुराने विकास कार्य को रुकने नहीं दिया जाएगा।

उन्होंने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि सुक्खू के नेतृत्व में अगले पांच वर्ष एकजुट होकर कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अपने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष सुक्खू के नेतृत्व में कार्य करते हुए गुजारा है। 1990 में एनएसयूआई कार्यकर्ता के रूप में और युवा कांग्रेस के कई पदों पर सुक्खू के साथ कार्य किया है। इसके अतिरिक्त विद्या स्टोक्स, वीरभद्र सिंह व प्रतिभा सिंह के साथ कार्य किया है। घुमारवीं की जनता ने मुझे दोबारा कार्य करने का मौका दिया है। मेरी प्राथमिकता है कि लोगों ने जो जिम्मेवारी सौंपी है, उसे ईमानदारी से निभाया जाए। 

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