हिमाचल प्रदेश सरकार ने होम स्टे पंजीकरण से जुड़ी गाइडलाइनों को सख्त कर दिया है। अब प्रदेश में किराये पर लिए गए मकान, फ्लैट या छोटे सेट में होम स्टे या बेड एंड ब्रेकफास्ट (बीएंडबी) सुविधाएं संचालित नहीं की जा सकेंगी। नए नियमों के तहत केवल उस संपत्ति पर होम स्टे की अनुमति होगी, जो मालिक के नाम पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज हो।

राजपत्र में प्रकाशित हुए संशोधित नियम

हाल ही में राज्य सरकार ने होम स्टे रूल्स 2025 को अधिसूचित किया है। इसके अनुसार राज्य में पहले से चल रहे सभी होम स्टे और बीएंडबी इकाइयों को दोबारा पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया एक नए पोर्टल के माध्यम से पूरी की जाएगी, जिसमें केवल संपत्ति मालिक के नाम से ही आवेदन मान्य होगा।

स्वतंत्र इकाई और अलग प्रवेश द्वार अनिवार्य

पर्यटन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि होम स्टे की स्वीकृति केवल स्वतंत्र आवासीय इकाइयों को दी जाए। इसके अलावा, अतिथियों की निजता को सुनिश्चित करने के लिए भवन में अलग से प्रवेश और निकास की व्यवस्था भी अनिवार्य होगी। केवल एक पूरी मंजिल या सम्पूर्ण भवन को होम स्टे संचालन के लिए अनुमति दी जाएगी।

लीज पर आधारित संचालन अवैध घोषित

अब लीज पर लिए गए मकान या फ्लैट के माध्यम से होम स्टे चलाना नियमों के खिलाफ माना जाएगा। पहले वर्ष 2008 की योजना में इस बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं थे, जिससे बाहरी राज्यों के लोग फ्लैट खरीदकर उन्हें व्यावसायिक उपयोग में लाने लगे थे। नए नियम इस प्रवृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगाने का प्रयास हैं।

स्थानीय एसोसिएशन ने किया फैसले का स्वागत

हिमाचल प्रदेश होम स्टे एसोसिएशन की अध्यक्ष तनुजा धांटा ने कहा कि यह कदम राज्य के स्थानीय निवासियों के हितों की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा, "हम लंबे समय से मांग कर रहे थे कि केवल वास्तविक मालिकों को ही होम स्टे संचालन की अनुमति दी जाए, सरकार ने इसे स्वीकार किया है, हम इसका स्वागत करते हैं।"