जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में शनिवार सुबह पाकिस्तानी गोलीबारी में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शाहपुर क्षेत्र के सूबेदार मेजर पवन कुमार जरियाल वीरगति को प्राप्त हो गए। 48 वर्षीय पवन कुमार 25 पंजाब रेजिमेंट में तैनात थे और गोलीबारी के दौरान देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
पार्थिव देह पहुंचते ही गूंजे नारों के स्वर
रविवार को दोपहर करीब दो बजे शहीद की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव सिहोलपुरी पहुंची। देह पहुंचते ही “भारत माता की जय” और “पवन कुमार अमर रहे” के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इस दौरान पाकिस्तान के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी हुई। शहीद की अंत्येष्टि के दौरान उनके बेटे ने मुखाग्नि दी।
परिवार और गांव में शोक का माहौल
शहीद पवन कुमार की पार्थिव देह पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया। परिवार के सदस्यों के साथ ही गांववासियों की आंखें भी नम हो गईं। स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी और गांववासी शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए बलिदानी के घर पहुंचे।

मुख्यमंत्री और अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शहीद के पिता, सेवानिवृत्त हवलदार गरज सिंह, से फोन पर बात कर दुख की इस घड़ी में परिवार को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरी तरह से परिवार के साथ खड़ी है। विधायक केवल सिंह पठानिया, एसडीएम शाहपुर करतार चंद और अन्य अधिकारियों ने भी शहीद के घर जाकर परिवार को सांत्वना दी।

परिवार को बड़ा आघात
सूबेदार मेजर पवन कुमार अपने पीछे पिता गरज सिंह, पत्नी सुषमा देवी, बेटे अभिषेक कुमार और बेटी अनामिका को छोड़ गए हैं। उनका बेटा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है, जबकि बेटी कॉलेज में पढ़ाई कर रही है। वीरगति को प्राप्त पवन कुमार के जाने से परिवार में गहरा खालीपन महसूस हो रहा है।