हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। बीते 24 घंटों के दौरान जुब्बड़हट्टी में 56.0 मिमी, काहू में 39.5 मिमी, बिलासपुर में 30.8 मिमी, स्लापड़ में 30.1 मिमी, कसौली में 28.0 मिमी, धर्मपुर में 24.2 मिमी, कुफरी में 23.0 मिमी, बग्गी में 22.8 मिमी, मुरारी देवी में 21.8 मिमी, पच्छाद में 19.1 मिमी, करसोग में 19.0 मिमी, शिमला में 18.8 मिमी और जोत में 17.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
शिमला में नुकसान, गाड़ी पर गिरा पत्थर
शिमला के कसुम्पटी क्षेत्र में एक देवदार का पेड़ एक आवासीय भवन पर गिर गया, जिससे उसकी छत क्षतिग्रस्त हो गई। सौभाग्य से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। वहीं, रामनगर में एक बड़ी चट्टान सड़क किनारे खड़ी कार पर आ गिरी, जिससे उसका अगला शीशा टूट गया। प्रशासन ने घटनास्थलों पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।
अभी भी कई मार्ग बाधित
आपदा की 16वें दिन भी प्रदेश में सामान्य जनजीवन पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट सका है। मंगलवार सुबह 10 बजे तक 220 सड़कें यातायात के लिए बाधित थीं, 67 विद्युत ट्रांसफार्मर और 153 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। सबसे अधिक असर मंडी जिले में देखा गया, जहां 160 सड़कें और 133 पेयजल योजनाएं अब भी बाधित हैं।
मानसून का कहर: 105 लोगों की मौत, करोड़ों का नुकसान
20 जून से 14 अगस्त तक के मानसून सीजन में राज्य में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं में 105 लोगों की जान गई है, 184 लोग घायल हुए हैं, जबकि 35 अब भी लापता हैं। इसके अतिरिक्त 44 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई। अब तक 1235 मकानों व दुकानों को नुकसान पहुंचा है, वहीं 798 गोशालाएं और 953 पालतू पशु नष्ट हो चुके हैं। पोल्ट्री सेक्टर में 21,500 पक्षियों की मृत्यु दर्ज की गई है। अनुमानित कुल क्षति 786.67 करोड़ रुपये से अधिक है।
21 जुलाई तक भारी बारिश का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने राज्य के अनेक हिस्सों में 21 जुलाई तक रुक-रुक कर बारिश की चेतावनी दी है। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
साहसिक गतिविधियों पर प्रतिबंध
15 जुलाई से 15 सितंबर तक पूरे प्रदेश में एडवेंचर स्पोर्ट्स पर रोक रहेगी। इस अवधि में पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, वाटर स्पोर्ट्स जैसी गतिविधियों का संचालन बंद रहेगा। पर्यटन विभाग ने इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी है और प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।