शिमला। पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी हरिकेश मीणा के अरेस्ट प्रोटेक्शन मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को विमल नेगी के परिजन हाईकोर्ट में मौजूद रहे। सुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत में परिजनों ने कहा कि वे सीबीआई जांच से पूरी तरह संतुष्ट हैं और सरकार को इस मामले में पक्षकार नहीं बनाया जाना चाहिए।

परिजनों ने बताया कि पुलिस जांच पर भरोसा न होने के कारण ही उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से करवाने का आग्रह किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन में विमल नेगी पर दबाव बनाया जाता था और गलत दस्तावेज़ों पर साइन करने को कहा जाता था। 

सीबीआई ने अपने प्रारंभिक निष्कर्षों में स्पष्ट किया कि एएसआई पंकज ने शिमला के सदर थाने में पेन ड्राइव से डाटा डिलीट किया था। परिजन का कहना है कि विमल नेगी की हत्या को कुछ लोग आत्महत्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब हाईकोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंपा था, तो स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि सरकार का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी जांच में शामिल न हो, लेकिन प्रदेश सरकार इस मामले में पक्षकार बनने की कोशिश कर रही है।

परिजन ने न्यायालय से अपेक्षा जताई कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ पूरी हो, ताकि मृतक के परिवार को न्याय मिल सके।