बिना ड्राइवर दौड़ी ट्रेन: उत्तर रेलवे ने लोको पायलट को हटाया

उत्तर रेलवे ने जम्मू के कठुआ से पंजाब के ऊंची बस्सी तक बिना लोको पायलट लगभग 78 किलोमीटर तक मालगाड़ी के दौड़ने के मामले में बड़ा एक्शन लिया है। उत्तर रेलवे प्रशासन ने मालगाड़ी के लोको पायलट (ड्राइवर) को सर्विस से हटा दिया है। इस कार्रवाई को लेकर कहा है कि पायलट की लापरवाही के कारण एक बड़ी घटना हो सकती थी, जिससे लोगों की जान जा सकती थी। 

वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता (डीएमई) द्वारा इस मामले में अनुशासनात्मक प्राधिकारी को नोटिस जारी किया गया था। जिसमें कहा कि लोको पायलट संदीप कुमार अपने कर्तव्यों को पूरा करने में विफल रहे। इससे बड़ी घटना हो सकती थी। साथ ही इससे रेलवे और विशेषकर उत्तर रेलवे की छवि को भी नुकसान पहुंचा है। 

मामले के शुरुआती दौर में कठुआ रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर, मालगाड़ी के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, प्वाइंटमैन (कठुआ), लोको इंस्पेक्टर, और टीआई को निलंबित कर दिया गया था। एक सवाल के जवाब में रेल डिवीजन फिरोजपुर के डीआरएम संजय साहू ने कहा था कि कठुआ में खड़ी मालगाड़ी से जुड़े दोनों डीजल इंजन बंद थे। ये ट्रेन कैसे चल पड़ी इस संबंध में कमेटी जांच करने में जुटी है। ट्रेन जम्मू के कठुआ और पंजाब के ऊंची बस्सी के बीच लगभग 78 किलोमीटर दौड़ी।

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