उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रविवार 23 फरवरी को दोपहर 3:24 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. जिससे लोगों में दहशत फैल गई और वो घरों से बाहर निकल गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.8 बताई जा रही है. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था. हालांकि इस भूकंप से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है.
हाल ही में दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. इस भूकंप का केंद्र दिल्ली रहा. ये भूकंप सुबह करीब 5:36 बजे आया था, उस समय ज्यादातर लोग सो रहे थे लेकिन भूकंप के झटकों ने लोगों को हिलाकर रख दिया. . रिक्टर स्केल पर में भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र महज 5 किलोमीटर नीचे था. ये भूकंप गाजियाबाद-नोएडा में फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी इसका असर देखने को मिला.
भूकंप का केंद्र धौला कुआं, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में था
इस भूकंप का केंद्र धौला कुआं, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में था और इसकी गहराई सिर्फ 5 किलोमीटर थी. कम गहराई के कारण झटके तेज महसूस किए गए, जिससे लोग खौफजदा हो गए और घरों से बाहर निकल गए थे. दिल्ली भूकंपीय क्षेत्र-IV (Seismic Zone IV) में आता है, जो देश के उच्चतम भूकंपीय जोखिम वाले क्षेत्रों में से एक है.
हिमालयी क्षेत्र भूकंप के लिहाज से ज्यादा सक्रिय
भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस ने भूकंप की तीव्रता और आवृत्ति के आधार पर भारत को चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा है. इसकी मदद से ये समझने में आसानी होती है कि, भूकंप आने वाले क्षेत्रों में रिस्क कम और ज्यादा कहां पर है. किन क्षेत्रों भूकंप आने का खतरा ज्यादा बना रहता है. भारत के चार भूकंपीय क्षेत्रों में जोन II, जोन III, जोन IV, जोन V को शामिल किया गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली का इलाका हिमालयी टेक्टोनिक प्लेट्स से करीब 250 किलोमीटर दूर स्थित है. हिमालयी क्षेत्र भूकंप के लिहाज से ज्यादा सक्रिय है, और वहां होने वाली हलचलें दिल्ली-एनसीआर तक असर डालती हैं.