आगरा केंद्रीय कारागार में बंद भदोही की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से लगातार चार बार के विधायक विजय मिश्रा पांचवीं बार चुनावी मैदान में होंगे। मंगलवार को उनकी बेटी रीमा पांडेय और प्रस्तावक केंद्रीय कारागार पहुंचे। जेल प्रशासन ने उनका नामांकन प्रपत्र भरने की प्रक्रिया पूरी कराई।
विजय मिश्रा की बेटी रीमा पांडेय मंगलवार सुबह नौ बजे केंद्रीय कारागार पहुंच गईं। दोपहर करीब 12 बजे रीमा व प्रस्तावक आदि नामांकन प्रपत्र भरवाने के लिए जेल में दाखिल हुए। नामांकन प्रपत्र भरवाने के बाद शाम चार बजे वो भदोही के लिए रवाना हो गए। अब विधायक का ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ना लगभग तय हो गया है।
अधिवक्ता ने अदालत से मांगी थी अनुमति
विधायक विजय मिश्रा के अधिवक्ता हंसाराम शुक्ला एवं स्वामी प्रसाद मिश्रा की ओर से नामांकन के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया था। सरकारी अधिवक्ता की ओर से इसका विरोध किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विजय मिश्रा के अधिवक्ता हंसाराम शुक्ला के आवेदन को स्वीकार कर लिया था। अदालत ने वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार आगरा को आदेश दिया कि जेल मैनुअल और भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक आवेदक के नामांकन की औपचारिकता पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
ये प्रस्तावक और समर्थक आए
आवेदक के अधिवक्ता ने चार सेट में नामांकन के लिए प्रस्तावक, समर्थक, अधिवक्ता और नोटरी वकील एवं फोटोग्राफर सहित कुल 24 लोगों के जेल में दाखिल होने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट के आदेश पर सभी आए। केंद्रीय कारागार आए प्रस्तावकों और समर्थकों में प्रमुख रूप से श्याम नारायण प्रजापति, नंदलाल यादव, ब्रह्मदेव शर्मा, लालमणि यादव, सुशील कुमार बिंद, अशोक शुक्ला, अरुण पांडेय, राकेश सरोज, देवी प्रसाद एडवोकेट आदि थे। प्रस्तावकों के साथ दो अधिवक्ता, एक नोटरी वाला, एक कैमरामैन भी थे।
नियमानुसार प्रपत्र भरवा कर सत्यापित किया
केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक वीके सिंह ने बताया कि नामाकंन पत्र भरवाने प्रस्तावक सहित अन्य लोग आए थे। शपथ पत्र को जेल प्रशासन ने सत्यापित किया। जिन प्रस्तावकों ने अपना नाम दिया, उनको भी जेल प्रशासन ने सत्यापित किया। नियमानुसार प्रक्रिया पूरी कराई गई।