अक्टूबर से लेकर फरवरी तक, शेयर बाजार में लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों ने 90 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेला। हालांकि, मार्च महीने में शेयर बाजार ने शानदार वापसी की, और सेंसेक्स तथा निफ्टी में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मंगलवार से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो रही है, और आने वाले चार दिन घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इसकी एक वजह यह है कि 2 अप्रैल से ट्रंप द्वारा लागू किए जाने वाले रेसिप्रोकल टैरिफ और वेनेजुएला के तेल खरीदने वालों पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लागू होने जा रहा है, जिसका शेयर बाजार पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
वहीं दूसरी ओर, विदेशी निवेशकों का प्रवाह, मार्च में ऑटो सेल्स, रुपया और डॉलर के बीच की जंग, कच्चे तेल की कीमतें और कॉरपोरेट एक्शन, शेयर बाजार की दिशा और स्थिति को प्रभावित करेंगे। ये 7 महत्वपूर्ण बातें तय करेंगी कि निवेशक शेयरों से गरीब होंगे या अमीर। आइए, हम आपको इनका विस्तार से विश्लेषण करते हैं...
ट्रंप टैरिफ का प्रभाव:
2 अप्रैल को ट्रंप द्वारा लागू किए जाने वाले टैरिफ से भारत सहित वैश्विक बाजारों की दिशा प्रभावित हो सकती है, और इसके संकेत घोषणाओं से मिल सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यूरोप से लेकर एशिया तक के बाजारों में गिरावट देखने को मिल सकती है, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ सकता है।
अमेरिकी बाजार का हाल:
भारतीय शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट से भी संकेत लेगा, क्योंकि शुक्रवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे। डॉउ जोंस 715.80 अंक (1.69%) की गिरावट के साथ 41,583.90 पर बंद हुआ, एसएंडपी 500 112.37 अंक (1.97%) की गिरावट के साथ 5,580.94 पर बंद हुआ, और नैस्डैक कंपोजिट 481.04 अंक (2.70%) की गिरावट के साथ 17,323.10 पर बंद हुआ।
मार्च ऑटो सेल्स:
घरेलू ऑटो कंपनियां 1 अप्रैल को मार्च के बिक्री आंकड़ों का खुलासा करेंगी। अनुमान है कि इस बार ऑटो सेल्स में ज्यादा वृद्धि देखने को नहीं मिलेगी, जिसका असर बाजार पर भी हो सकता है।
एफआईआई और डीआईआई का निवेश:
मार्च में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली धीमी रही, लेकिन इस सप्ताह उनके निवेश की दिशा बाजार को प्रभावित कर सकती है। शुक्रवार को एफआईआई 4,352.82 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता थे, जबकि डीआईआई 7,646.49 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे। विदेशी निवेशकों ने पिछले 7 दिनों में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, और आने वाले महीने में भी उनका निवेश जारी रहने की संभावना है।
रुपया और डॉलर की जंग:
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने मार्च में लगभग 4 बिलियन डॉलर का निवेश किया, जिससे रुपया 7 वर्षों में अपना सर्वश्रेष्ठ महीना दर्ज कर चुका है। इसके साथ ही, 31 पैसे की बढ़त के साथ रुपया 85.47/डॉलर पर बंद हुआ। यह मार्च में 2.4% की वृद्धि के साथ 2018 के बाद से सबसे बड़ी मासिक वृद्धि थी।
तेल की कीमतें:
कच्चे तेल की कीमतें महंगाई और वैश्विक केंद्रीय बैंकों की नीतियों पर प्रभाव डाल रही हैं, जिससे बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है। फिलहाल, यूएस डब्ल्यूटीआई तेल करीब 70 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट ऑयल 73.63 डॉलर के आसपास कारोबार कर रहा है।
कॉर्पोरेट एक्शन पर नजर:
2 अप्रैल को एडीसी इंडिया कम्युनिकेशंस का 25 रुपये प्रति शेयर अंतरिम डिविडेंड और कैपिटल ट्रेड लिंक्स का 1:1 बोनस इश्यू होगा। इसके अलावा, एमएसटीसी और रेलटेल कॉरपोरेशन के अंतरिम डिविडेंड, और रंजीत मेकाट्रॉनिक्स के 1:1 बोनस इश्यू की एक्स-डेट भी होगी। 3 अप्रैल को सैल ऑटोमोटिव और यूनाइटेड स्पिरिट्स के बोनस इश्यू और अंतरिम लाभांश होंगे। इन घटनाओं से शेयर बाजार पर असर पड़ सकता है।