मुजफ्फरनगर में रामपुर तिराहा कांड में सामूहिक दुष्कर्म, छेड़छाड़ और लूट समेत अन्य गंभीर धाराओं के मुकदमे में सीबीआई ने अदालत में चश्मदीद गवाह उत्थान कुमार को पेश किया। गवाह ने बताया कि पुलिसवाले आंदोलनकारियों को खेतों में खींच रहे थे। अपनी आंखों से सारा हाल देखा। प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने की।

मंगलवार को अदालत में रामपुर तिराहा कांड की सुनवाई हुई। शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह और जोगेंद्र गोयल ने बताया कि सीबीआई ने रामपुर तिराहा कांड के चश्मदीद गवाह उत्थान कुमार को पेश किया। वारदात के वक्त करीब 16 साल के रहे उत्थान ने अदालत में आंखों देखी बयान की। यही नहीं सीबीआई के आरोप पत्र का समर्थन किया।

इन गवाहों की हो गई मौत
सीबीआई ने अदालत को बताया कि दो गवाह वेदपांडे पहलवान और महेंद्र सिंह की मृत्यु हो चुकी है। दोनों के साक्ष्य उन्मोचित कर दिए गए हैं।

यह था मामला
एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। गंभीर धाराओं के सेशल ट्रायल मुकदमों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने जिले के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को अधिकृत किया है।