भारत-पाक टेंशन के बीच सामने आया बड़ा घोटाला सामने आया है. इस घोटाले को इंपोर्ट स्कैम का नाम दिया जा रहा है. रिपोर्ट है कि भारत का सामान दूसरे देशों से पाकिस्तान पहुंच रहा है. वो भी ऐसे समय पर जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीधा ट्रेड काफी सालों से बंद है. ये स्कैम 10 बिलियन डॉलर यानी 85 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बताया जा रहा है. इस स्कैम की जानकारी आर्थिक थिंक टैंक जीटीआरआई की रिपोर्ट से मिली है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है और किन देशों के जरिए भारत का सामान पाकिस्तान में पहुंच रहा है और हर साल कितने हजार करोड़ रुपए के स्कैम को अंजाम दिया जा रहा है.
ऐसे हो रहा है पूरा स्कैम
जीटीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार भारत से हर साल 10 अरब डॉलर से ज्यादा का माल दुबई, सिंगापुर और कोलंबो जैसे बंदरगाहों के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान पहुंच रहा है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि भारतीय कंपनियां इन बंदरगाहों पर सामान भेजती हैं, जहां एक स्वतंत्र कंपनी खेप को उतारती है और उन्हें बॉन्डेड वेयरहाउस में रखती है. यहां माल को ट्रांजिट के दौरान शुल्क का भुगतान किए बिना रखा जा सकता है. थिंक टैंक ने कहा कि इसके बाद माल के लेबल और दस्तावेजों को मूल देश से अलग दिखाने के लिए संशोधित किया जाता. ऐसे में लगता है कि माल किसी तीसरे देश से आ रहा है और फिर उसे ऊंचे दामों पर बेचा जाता है.
10 अरब डॉलर का सामान
जीटीआरआई के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि हालांकि, यह मॉडल हमेशा अवैध नहीं होता है, लेकिन यह गुमराह करने जैसा है. इससे पता चलता है कि कैसे कारोबारी व्यापार जारी रखने के लिए रचनात्मक तरीके खोजते हैं. कई बार उनकी चाल सरकारों की प्रतिक्रिया से भी तेज होती है. उन्होंने कहा कि जीटीआरआई का अनुमान है कि इस मार्ग से सालाना 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य का सामान भारत से पाकिस्तान पहुंचता है. एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-जनवरी 2024-25 में भारत का पाकिस्तान को निर्यात 447.65 मिलियन डॉलर था. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पहलगाम आतंकी हमले के बीच भारत द्वारा अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को बंद करने का फैसला करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार रुक गया है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने अपने देश और भारत के बीच सभी व्यापारिक संबंधों को निलंबित करने की भी घोषणा की है.
कितना है भारत का कुल निर्यात
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 820.93 बिलियन डॉलर की वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात किया है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 778.13 बिलियन डॉलर था. भारत मुख्य रूप से चावल, चाय, कॉफी, तंबाकू, मसाले, दवाएं और फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक सामान, समुद्री उत्पाद आदि जैसे सामान दुनिया के अन्य देशों को निर्यात करता है. 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष 2024-25 तक, भारत के लिए निर्यात वृद्धि के साथ शीर्ष निर्यात गंतव्य संयुक्त राज्य अमेरिका 35.06 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया 70.81 प्रतिशत, केन्या 98.46 प्रतिशत, अन्य देशों में शामिल हैं. भारत अन्य वैश्विक देशों के अलावा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), चीन, सऊदी अरब, कुवैत, थाईलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस से अपनी वस्तुओं का आयात करता है.
सरकार ने शुरू की जांच
सरकार तीसरे देशों के रास्ते पाकिस्तान को भारतीय वस्तुओं के अप्रत्यक्ष निर्यात की मात्रा का पता लगाने के लिए आंकड़े एकत्रित कर रही है. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कवायद का मकसद पड़ोसी देश तक इस तरह की खेप को रोकना है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय एयरलाइंस के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने के मद्देनजर सरकार उद्योग के साथ मिलकर हवाई मार्ग के जरिये माल पहुंचाने के वैकल्पिक मार्गों पर विचार कर रही है. पश्चिम एशिया के देशों को फूल, फल और सब्जियों जैसे सामान हवाई मार्गों के जरिये निर्यात किए जाते हैं. ये प्रतिबंध पिछले हफ्ते पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद लगाए गए हैं. इस भीषण घटना में 26 लोग मारे गए थे. सूत्रों ने कहा कि निर्यात के आंकड़े सीमा शुल्क, निर्यात संवर्धन परिषदों और अन्य विभागों से जमा किए जा रहे हैं.