भारत-अमेरिका में एक्टिव बातचीत, अक्टूबर तक हो सकता है समझौता: वित्त मंत्री

भारत अमेरिका के नए प्रशासन के साथ व्यापार समझौतों पर ‘‘सक्रिय रूप से बातचीत’’ कर रहा है और उसे उम्मीद है कि इस साल सितंबर-अक्तूबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते का पहला चरण सकारात्मक रूप से पूरा हो जाएगा। अमेरिका दौर पर गईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह बात कही। 

सैन फ्रांसिस्को में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान सीतारमण ने कहा, “हम उन देशों में से एक हैं जो अमेरिका के नए प्रशासन के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैंद्विपक्षीय व्यापार समझौतों को मुकाम पर पहुंचा सकते हैं।” इस साल के शुरू में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाशिंगटन की ओर से पारस्परिक टैरिफ लगाए जाने की आशंका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए वार्ता शुरू करने पर सहमति दी थी।

वित्त मंत्री ने कहा, “हमने यहां सरकार के साथ बातचीत को जो प्राथमिकता दी है, वह फरवरी में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान हुई बातचीत के अनुरूप है।। वाणिज्य और व्यापार मंत्री यहां आए थे। मैं यहां इसलिए गई हूं क्योंकि मुझे आईएमएफ और विश्व बैंक के साथ भी बैठक करनी है।”

उन्होंने कहा, “मैं यहां अपने समकक्ष वित्त मंत्री से मिलने वाली हूं। हम उत्सुकता के साथ हम अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत कर रहे हैं। इसी दौरान, अमेरिकी उपराष्ट्रपति भी भारत में हैं। उम्मीद है कि वह आज शाम या कल प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे।” अमेरिका और भारत ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) का लक्ष्य रखा है, जो एक तरह का मुक्त व्यापार समझौता है। दोनों ने प्रस्तावित बीटीए को दो चरणों में पूरा करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, “इसलिए, अमेरिका के साथ बातचीत का सार केवल पारस्परिक टैरिफ संबंधी मामला नहीं है। बल्कि सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक के हित को देखते हुए हमें समझौता करने की आवश्यकता है। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं कि इस वर्ष शरद ऋतु तक हम समझौते के पहले चरण पर हस्ताक्षर कर लें।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने 2 अप्रैल को भारत और चीन सहित कई देशों पर व्यापक पारस्परिक टैरिफ (या आयात शुल्क) लगाने की घोषणा की थी।

हालांकि, 9 अप्रैल को उन्होंने चीन और हांगकांग को छोड़कर इस साल 9 जुलाई तक इन शुल्कों को 90 दिनों के लिए स्थगित करने की घोषणा की। इस दौरान, लगभग 75 देशों ने व्यापार सौदों के लिए अमेरिका से संपर्क किया। चीन को अमेरिका में प्रवेश करने वाले अपने सामानों पर 245 प्रतिशत तक शुल्क का सामना करना पड़ रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here