नई दिल्ली। भारत और यूरोपीय संघ (EU) जुलाई तक एक प्रारंभिक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी। इस प्रस्तावित समझौते में बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR), सरकारी खरीद, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं जैसे अहम मुद्दे शामिल होंगे। वाणिज्य मंत्रालय की टीम इस सप्ताह ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के साथ अगली बातचीत में हिस्सा ले रही है। अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द इस समझौते पर सहमति बनाना चाहते हैं।
समझौता दो चरणों में पूरा किया जाएगा
वर्तमान वैश्विक अस्थिरता, विशेषकर अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को देखते हुए, दोनों पक्षों ने इसे दो चरणों में पूरा करने पर सहमति जताई है। भारत पहले भी ऑस्ट्रेलिया के साथ इसी तरह की दो चरणों वाली व्यापार वार्ता कर चुका है।
यूरोपीय बाजारों में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी
यूरोपीय संघ ऑटोमोबाइल और चिकित्सा उपकरणों पर काफ़ी शुल्क कटौती चाहता है। इसके साथ ही वाइन, स्पिरिट्स, मांस और पोल्ट्री जैसे उत्पादों पर करों में भी कमी की मांग की गई है। वे मजबूत बौद्धिक संपदा संरक्षण व्यवस्था भी चाहते हैं। यदि यह समझौता पूरा होता है, तो भारत के कई उत्पाद जैसे सिल्क एवं कढ़ाई वाले वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स, इस्पात, पेट्रोलियम और इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी यूरोपीय बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धात्मक हो सकेंगे।
आठ साल बाद मुक्त व्यापार समझौते पर फिर चर्चा
जून 2022 में भारत और 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ ने आठ साल बाद मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत फिर शुरू की थी। 2013 में बाजार खोलने को लेकर मतभेदों के कारण यह प्रक्रिया रुकी हुई थी। फरवरी 28 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ने इस वर्ष के अंत तक व्यापक समझौते पर सहमति बनाने का लक्ष्य रखा।
23 नीतिगत क्षेत्रों में शामिल हैं समझौते के पहलू
भारत-ईयू व्यापार समझौता 23 विभिन्न नीति क्षेत्रों में बातचीत कर रहा है, जिनमें वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य और पौध सुरक्षा नियम, तकनीकी बाधाएं, व्यापार नियम, सीमा शुल्क, प्रतिस्पर्धा, सरकारी खरीद, विवाद निपटान, बौद्धिक संपदा अधिकार, भौगोलिक संकेत और सतत विकास शामिल हैं।
2023-24 में भारत-ईयू का व्यापार 137.41 अरब डॉलर रहा
वाणिज्य आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में भारत और यूरोपीय संघ के बीच द्विपक्षीय व्यापार 137.41 अरब डॉलर था, जिसमें 75.92 अरब डॉलर का निर्यात और 61.48 अरब डॉलर का आयात शामिल है। यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन चुका है। यूरोपीय बाजार भारत के कुल निर्यात का लगभग 17 प्रतिशत और भारत को यूरोपीय संघ का निर्यात उसके कुल विदेशी शिपमेंट का 9 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त, दोनों के बीच सेवा व्यापार भी 51.45 अरब डॉलर के करीब रहा।
भारत-अमेरिका के बीच भी व्यापार समझौते की संभावनाएं
वहीं, भारत और अमेरिका 8 जुलाई से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा कर सकते हैं। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में वाशिंगटन में व्यापार वार्ता तेज करने के लिए बैठकें कीं। एक अधिकारी ने बताया कि भारत अमेरिका द्वारा लगाए गए 26% अतिरिक्त टैरिफ और 10% बेसलाइन टैरिफ से छूट की मांग करेगा। साथ ही, कपड़ा और चमड़ा जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में भी रियायतें मांगी जाएंगी।