बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब एशिया में निवेशकों की पहली पसंद नहीं रह गया है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे आकर्षक शेयर बाजारों की सूची में भारत चौथे पायदान पर खिसक गया है। पहले जहां भारत निवेश के लिहाज से शीर्ष पर था, अब उसकी जगह जापान ने ले ली है, जबकि ताइवान और दक्षिण कोरिया क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।

निवेश में गिरावट की वजह

रिपोर्ट बताती है कि भारत में अब केवल 10% फंड मैनेजर्स अधिक निवेश कर रहे हैं, जबकि जापान में यह आंकड़ा 32%, ताइवान में 19% और दक्षिण कोरिया में 16% है। इस गिरावट की प्रमुख वजह निफ्टी का पिछले कुछ समय से सीमित दायरे में बना रहना है, जिससे बाजार में उत्साह की कमी देखी जा रही है।

चीन पांचवें स्थान पर है, जबकि ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड जैसे देशों को भी निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी मिल रही है।

फिर लौट सकता है बाजार में उत्साह

रिपोर्ट के अनुसार, जापान में निवेश के प्रति आकर्षण का कारण बैंकिंग सेक्टर में सुधार की संभावनाएं और सेमीकंडक्टर उद्योग की मजबूती है। इसी प्रकार ताइवान और कोरिया को चिप सेक्टर में वैश्विक मांग का फायदा मिल रहा है। भारत के आईटी सेक्टर की स्थिति फिलहाल कमजोर है और यह पिछले 20 महीनों के न्यूनतम स्तर पर बना हुआ है।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका-भारत व्यापार समझौते में आयात शुल्क 20% से कम निर्धारित होता है, तो इससे बाजार में सकारात्मक रुझान लौट सकता है। इसके अतिरिक्त, निजी बैंकों में फिलहाल अच्छे मूल्य पर निवेश के अवसर मौजूद हैं, और आने वाले समय में उनके परिणाम बेहतर हो सकते हैं।

निवेशकों की धारणा में बदलाव

रिपोर्ट यह भी बताती है कि एशियाई निवेशकों के बीच अब आर्थिक परिस्थितियों को लेकर पहले से अधिक भरोसा देखने को मिल रहा है। अमेरिका की व्यापार नीतियों को लेकर भी चिंता घट रही है। सर्वे में शामिल 222 फंड मैनेजर्स, जो कुल 587 अरब डॉलर की संपत्ति का प्रबंधन करते हैं, में से 70% ने माना कि अमेरिकी टैरिफ का एशियाई बाजारों पर सीमित असर पड़ेगा। यह सर्वेक्षण 6 से 12 जून के बीच किया गया था।

अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता की स्थिति

इस बीच, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष एस. महेन्द्र देव ने सुझाव दिया है कि भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर वार्ता करते समय अपने हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि भारत के साथ प्रस्तावित समझौता उसी मॉडल पर आधारित होगा जैसा हाल ही में अमेरिका और इंडोनेशिया के बीच हुआ है। इस समझौते में इंडोनेशिया ने अमेरिकी वस्तुओं के लिए अपने बाजार को खोलने की अनुमति दी है, जबकि उसकी वस्तुओं पर अमेरिका में 19% शुल्क लगाया जाएगा। भारत और अमेरिका के बीच इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत का पांचवां दौर फिलहाल वॉशिंगटन में चल रहा है।