टाटा सन्स बनाएगा ₹500 करोड़ का ट्रस्ट, एयर इंडिया हादसे के पीड़ितों को मिलेगी मदद

एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 की भीषण दुर्घटना के बाद टाटा सन्स ने राहत के रूप में ₹500 करोड़ की सार्वजनिक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाने का निर्णय लिया है। यह हादसा 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ समय बाद हुआ, जिसमें 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी। इसके अलावा, जमीन पर मौजूद 19 लोगों की भी जान गई थी। यह हादसा 1996 के चरखी दादरी टकराव के बाद देश की सबसे गंभीर विमान दुर्घटनाओं में से एक माना जा रहा है, और Boeing 787 Dreamliner के इतिहास की पहली घातक दुर्घटना भी।

ट्रस्ट की स्थापना का निर्णय

टाटा सन्स की पहली बोर्ड बैठक में चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने ट्रस्ट गठन का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकृति मिली। यह ट्रस्ट हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों, घायलों और प्रभावित परिवारों को आर्थिक और दीर्घकालिक पुनर्वास सहायता प्रदान करेगा।

राहत राशि का वितरण

  • ₹300 करोड़ मृतकों के परिजनों को सहायता के रूप में दिए जाएंगे।
  • ₹50 करोड़ घायल व्यक्तियों के इलाज के लिए निर्धारित किया गया है।
  • ₹50 करोड़ B.J. मेडिकल कॉलेज के उस हॉस्टल के पुनर्निर्माण पर खर्च होंगे, जो हादसे में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।
  • ₹100 करोड़ दीर्घकालिक जरूरतों और पुनर्वास कार्यक्रमों के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे।

हादसे में दिवंगत गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की पहचान डीएनए परीक्षण के बाद संभव हो पाई, क्योंकि हादसे में आग की तीव्रता 1,500 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गई थी।

ट्रस्ट का संचालन और अगली प्रक्रिया

यह ट्रस्ट जुलाई के अंत तक पंजीकृत कर लिया जाएगा। इसका संचालन बोर्ड करेगा, जिसकी अध्यक्षता एन. चंद्रशेखरन करेंगे। बोर्ड में स्वतंत्र और गैर-टाटा ट्रस्टी भी शामिल होंगे। योजना का क्रियान्वयन टाटा मोटर्स के ग्रुप CFO पी. बी. बालाजी की निगरानी में होगा।

पूर्व सहायता और बीमा विवरण

इससे पहले टाटा सन्स ने प्रत्येक मृतक के परिजन को ₹1.25 करोड़ की सहायता देने की घोषणा की थी, जिसे अब इसी ट्रस्ट से जारी किया जाएगा। दुर्घटना में कुल 275 लोगों की मौत हुई, जिनमें विमान के सभी यात्री और चालक दल शामिल थे, साथ ही जमीन पर 19 लोगों की जान गई।

घटना से जुड़े बीमा दावों की अनुमानित राशि करीब $475 मिलियन (लगभग ₹4,000 करोड़) मानी जा रही है। चूंकि एयर इंडिया की बीमा पॉलिसी Tata AIG के तहत है और अधिकांश जोखिम अंतरराष्ट्रीय पुनर्बीमाकर्ताओं के साथ साझा हैं, इसलिए टाटा समूह पर सीधा आर्थिक दबाव अपेक्षाकृत कम रहेगा।

संचालन की जिम्मेदारी अब सीधे चंद्रशेखरन के पास

टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इस दुर्घटना के बाद एयर इंडिया की दैनिक गतिविधियों की निगरानी स्वयं करना शुरू कर दी है। एयर इंडिया को टाटा समूह ने जनवरी 2022 में अधिग्रहित किया था और फिलहाल कंपनी एक पांच वर्षीय पुनर्गठन योजना के तहत कार्य कर रही है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में एयर इंडिया में ₹9,558 करोड़ का संयुक्त निवेश किया गया, जिसमें टाटा सन्स का योगदान ₹3,224.82 करोड़ और सिंगापुर एयरलाइंस का हिस्सा ₹6,333.18 करोड़ रहा। केवल मार्च 2025 में ही ₹4,306 करोड़ की पूंजी निवेश की गई।

यह प्रयास टाटा समूह की सामाजिक जिम्मेदारियों की उस परंपरा का हिस्सा है, जिसे उन्होंने 26/11 मुंबई हमले के बाद ‘ताज पब्लिक वेलफेयर ट्रस्ट’ जैसी पहलों के माध्यम से दर्शाया है।

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