जब भी निवेश की बात आती है, विशेषज्ञ हमेशा दीर्घकालिक निवेश की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है। यही बात SBI म्यूचुअल फंड की टैक्स सेविंग स्कीम ने सही साबित की है। SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड, जो देश की सबसे पुरानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में से एक है, हाल ही में अपनी 32वीं वर्षगांठ मना चुका है।

अगर किसी निवेशक ने शुरुआत से ही हर महीने 5,000 रुपये की SIP इस स्कीम में की होती, तो आज उसकी निवेशित राशि 7.22 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी होती। 31 मार्च 1993 को लॉन्च हुआ यह फंड एक ओपन-एंडेड इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम है, जिसमें धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है। शुरुआत में इसमें केवल डिविडेंड (IDCW) का विकल्प था, लेकिन 7 मई 2007 से इसमें ग्रोथ ऑप्शन भी जोड़ा गया।

SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड ने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया

इस फंड का रिकॉर्ड दिखाता है कि यह लंबे समय में संपत्ति निर्माण (Wealth Creation) के उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा कर रहा है। SBI म्यूचुअल फंड हाउस के आंकड़ों के अनुसार, अगर किसी ने इस स्कीम में शुरुआत से हर महीने 10,000 रुपये SIP में डाले होते, तो 28 मार्च 2025 तक निवेश की कुल राशि 14.44 करोड़ रुपये हो गई होती।

इस दौरान निवेशक ने कुल 38.5 लाख रुपये डाले, जिस पर 17.94% (CAGR) का वार्षिक रिटर्न मिला। इसी तरह, अगर SIP 5,000 रुपये प्रति माह की होती, तो निवेश की कुल राशि 7.22 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती।

बीते वर्षों में औसत वार्षिक रिटर्न

अवधिSBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंडबेंचमार्क इंडेक्स (BSE 500 TRI)
3 साल23.42%13.89%
5 साल24.31%17.17%
10 साल17.59%15.14%
15 साल16.03%14.30%

फंड मैनेजर और जोखिम कारक

इस फंड को सितंबर 2016 से दिनेश बालाचंद्रन मैनेज कर रहे हैं। चूंकि यह एक इक्विटी-आधारित स्कीम है, इसलिए इसे ‘उच्च जोखिम’ श्रेणी में रखा गया है। हालांकि, लंबे समय तक नियमित SIP जारी रखने से जोखिम को कम किया जा सकता है और अच्छा रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है।