वॉशिंगटन। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों का समर्थन करते हुए भारत का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने टैरिफ का इस्तेमाल वैश्विक न्याय और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए किया। साथ ही उन्होंने भारत से रूस से तेल आयात रोकने का आग्रह किया ताकि यूक्रेन युद्ध के समाधान में मदद मिल सके।

टैरिफ को कूटनीतिक हथियार बताया
लुटनिक ने स्पष्ट किया कि ट्रंप ने टैरिफ का उपयोग केवल कूटनीतिक दबाव बनाने और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता लाने के लिए किया। उनका यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट यह तय करने पर विचार कर रहा है कि क्या ट्रंप की 1977 के अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) के तहत लागू टैरिफ नीतियां वैध थीं या नहीं।

भारत पर लगाया गया भारी शुल्क
ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाया और रूस से तेल आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया, जिससे कुल भार 50 प्रतिशत तक पहुंच गया। भारत ने इसे अनुचित और अपनी राष्ट्रीय नीति के विरोध में बताया।

भारत ने दावों को खारिज किया
हालांकि ट्रंप ने दावा किया कि भारत ने रूस से तेल आयात घटाने का आश्वासन दिया है, भारत ने इसे अपने राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा सुरक्षा की प्राथमिकताओं के अनुरूप ठुकराया। दिल्ली का कहना है कि उसकी ऊर्जा नीति घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने पर आधारित है।

टैरिफ और वैश्विक सुरक्षा
लुटनिक ने जोर देकर कहा कि अगर IEEPA की शक्तियों को सीमित किया गया, तो ट्रंप प्रशासन की दुनिया और अमेरिका को सुरक्षित बनाने की क्षमता कमजोर हो जाएगी। उनका यह बयान ट्रंप की टैरिफ नीतियों की वैधता और प्रभावशीलता पर चल रहे न्यायिक विचार का हिस्सा है।