जब-जब भारत पर कोई संकट आता है, तो देश के गांव खेत-खलिहान उठकर खड़े हो जाते हैं. तभी तो जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट जो 5.6 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच गई थी, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में उसने बाउंस बैक किया है और गांवों ने देश की लाज बचाते हुए जीडीपी ग्रोथ रेट को 6.2 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है.

देश की जीडीपी को संभालने में पिछले साल के अच्छे मानसून ने अपनी भूमिका अदा की है. इससे गांवों में जहां लोगों की आमदनी बढ़ी वहीं गांवों का रूरल कंजप्शन भी बढ़ा है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में जीडीपी ग्रोथ को 6.2 प्रतिशत पर पहुंचाने का काम रूरल कंजप्शन ने किया है.

इस बीच सरकार के बढ़े खर्च ने भी अर्थव्यवस्था को संभालने का काम किया है. हालांकि ये पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की इसी तिमाही में रही देश की 9.5 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ से काफी कम है.

पूरे साल में इतनी रहेगी इकोनॉमिक ग्रोथ

NSO ने अपने ताजा अनुमान में कहा है कि संपूर्ण चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है. जबकि जनवरी 2025 में एनएसओ ने देश का जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. एनएसओ ने पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के जीडीपी ग्रोथ रेट को भी संशोधित किया है, अब ये 9.2 प्रतिशत हो गया है, जो पहले 8.2 प्रतिशत का था.

देश के उद्योंगो की हालत हुई बेहतर

इसी के साथ सरकार ने देश के 8 कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ का डेटा भी जारी किया है. जनवरी में 8 बुनियादी उद्योगों की ग्रोथ जनवरी में 4.6 प्रतिशत रही है. पिछले साल जनवरी में ये ग्रोथ रेट 4.2 प्रतिशत थी. हालांकि ये दिसंबर 2024 में कोर इंडस्ट्रीज की ग्रोथ 4.8 प्रतिशत से मामूली तौर पर कम है.

जनवरी 2025 में देश के अंदर कोयला उत्पादन में 4.6 प्रतिशत, इस्पात उत्पादन में 3.7 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 1.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. जबकि पिछले साल इसी महीने में इन उद्योगों की ग्रोथ रेट क्रमशः 10.6 प्रतिशत, 9.2 प्रतिशत और 5.7 प्रतिशत थी. इसी दौरान रिफाइनरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन 8.3 प्रतिशत, फर्टिलाइजर्स का 3 प्रतिशत और सीमेंट प्रोडक्शन 14.5 प्रतिशत हो गया है.

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान 8 कोर इंडस्ट्रीज की वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही. जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 7.8 प्रतिशत थी. देश के 8 कोर इंडस्ट्रीज में कोयला, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट और बिजली क्षेत्र शामिल हैं.