अहमदाबाद एयर क्रैश: तबाही के बीच ज़िंदगी की एक किरण

गुजरात के अहमदाबाद में हुए भयावह विमान हादसे में कुल 265 लोगों की जान चली गई। मृतकों में विमान में सवार 242 में से 241 यात्री शामिल थे, जबकि दुर्घटनास्थल पर मौजूद 24 अन्य लोगों की भी जान गई। इस दुखद घटना के बीच एक चमत्कार भी सामने आया—विमान में सवार एक यात्री न केवल जीवित बच गया, बल्कि अपने पैरों पर चलते हुए एंबुलेंस तक पहुंचा। इस घटना के बाद, एक बार फिर दुनिया के उस शख्स की चर्चा तेज हो गई, जिसने जीवन में कई बार मौत को बेहद करीब से देखा, लेकिन हर बार बच निकला—क्रोएशिया के फ्रेन सेलक।

फ्रेन सेलक: मौत को हर बार मात देने वाला इंसान

फ्रेन सेलक का जीवन उन घटनाओं से भरा पड़ा है, जिनमें अक्सर कोई जीवित नहीं बचता। साल 1957 में उनका पहला सामना मौत से हुआ, जब वे एक बस में सफर कर रहे थे और वह फिसलकर नदी में गिर गई। कुछ ही यात्री बच पाए, जिनमें फ्रेन भी शामिल थे।

ट्रेन, विमान और कार हादसों से बार-बार बचे

एक और हादसे में ट्रेन बर्फीली नदी में समा गई, लेकिन फ्रेन फिर बच निकले। एक बार विमान यात्रा के दौरान तकनीकी खराबी से विमान का दरवाजा खुल गया और वे नीचे गिर पड़े। संयोग से वे एक घास के ढेर पर गिरे और उन्हें मामूली चोटें आईं, जबकि अन्य यात्रियों की जान चली गई।

फ्रेन का सामना तीन कार हादसों से भी हुआ। एक बार उनकी कार में विस्फोट हुआ और पूरी तरह जल गई, लेकिन वे समय रहते बाहर निकल आए। एक अन्य घटना में फ्यूल टैंक फटने से कार आग के हवाले हो गई, फिर भी वे सुरक्षित रहे। एक बार उनकी कार पहाड़ी रास्ते पर नियंत्रण खो बैठी और खाई की ओर लुढ़कने लगी, लेकिन उन्होंने चलती कार से छलांग लगा दी और एक पेड़ की डाल ने उन्हें गिरने से बचा लिया।

अहमदाबाद हादसे से जुड़ी ये घटना और फ्रेन सेलक की कहानी बताती है कि कभी-कभी किस्मत ऐसे मोड़ लेती है, जहां विज्ञान और तर्क भी चुप हो जाते हैं।

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