तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का उद्देश्य राज्य विधानसभा द्वारा पारित पिछड़ा वर्ग (बीसी) आरक्षण विधेयकों को राष्ट्रपति की स्वीकृति दिलवाना था। रेड्डी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने केंद्र सरकार पर जानबूझकर इन विधेयकों को लंबित रखने का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि मार्च 2025 में तेलंगाना विधानसभा ने दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए थे, जिनके माध्यम से बीसी वर्ग को शिक्षा, रोजगार और स्थानीय निकायों में 42 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। विधानसभा से पारित होने के बाद ये विधेयक राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे गए थे, लेकिन अब तक उन्हें मंजूरी नहीं मिल पाई है।
रेड्डी ने केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप
प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा था, लेकिन अब तक उन्हें अपॉइंटमेंट नहीं मिला। उनका आरोप था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रपति पर दबाव बना रहे हैं कि वे तेलंगाना के प्रतिनिधियों से न मिलें।
रेड्डी ने कहा, “हम ओबीसी समाज के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। राहुल गांधी ओबीसी वर्गों के समर्थक हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ओबीसी विरोधी रवैया अपना रहे हैं। यदि केंद्र सरकार इन विधेयकों को मंजूरी नहीं देती, तो हम चुनाव में उन्हें हराकर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाएंगे और ओबीसी को उनका 42 प्रतिशत आरक्षण जरूर दिलवाएंगे।”
केंद्र से विधेयकों को तत्काल स्वीकृति देने की मांग
मुख्यमंत्री रेड्डी ने केंद्र सरकार से अपील की कि इन सामाजिक न्याय से जुड़े विधेयकों की मंजूरी में और देरी न की जाए। उन्होंने कहा कि यह आरक्षण वंचित और गरीब वर्गों को न्याय और समान अवसर दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि जब तक राष्ट्रपति की स्वीकृति नहीं मिलती, तब तक कांग्रेस शांत नहीं बैठेगी।