कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में मंथन, इन मुद्दों को उठाने की रणनीति

नई दिल्ली। कांग्रेस ने आगामी मानसून सत्र (21 जुलाई से 21 अगस्त) के दौरान संसद में उठाए जाने वाले अहम मुद्दों की रूपरेखा तय कर ली है। पार्टी नेतृत्व ने मंगलवार सुबह 10 जनपथ पर हुई बैठक में निर्णय लिया कि सत्र में वह पहलगाम आतंकी हमले, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा, महिलाओं पर बढ़ते अपराध, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, राष्ट्रीय सुरक्षा और अहमदाबाद विमान हादसे जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी।

बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने की, जिसमें राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, के. सुरेश और मणिकम टैगोर समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

बैठक के बाद राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने बताया कि कांग्रेस, पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सरकार से जवाब तलब करेगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में चूक और त्वरित प्रतिक्रिया दल की गैरमौजूदगी के कारण यह हमला हुआ, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई। साथ ही, पार्टी यह भी सवाल उठाएगी कि जब सेना ने पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कार्रवाई की, तो उसी समय भारत-पाक संघर्षविराम की घोषणा क्यों हुई?

बिहार एसआईआर पर भी जोरदार विरोध की तैयारी

प्रमोद तिवारी ने बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया और कहा कि पार्टी इसे असंवैधानिक मानते हुए रद्द करने की मांग करेगी। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा संसद में प्रमुखता से उठाया जाएगा।

अन्य महत्वपूर्ण विषय भी एजेंडे में शामिल

बैठक में यह भी तय हुआ कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को दोहराएगी। इसके अतिरिक्त महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, युवा बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्याएं और अमेरिकी टैरिफ से जुड़े मुद्दे भी संसद में उठाए जाएंगे।

अदालत और राज्यों के साथ भेदभाव भी रहेगा मुद्दा

प्रमोद तिवारी ने यह भी बताया कि अमेरिका में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए गए महाभियोग नोटिस और गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ हो रहे भेदभाव पर भी पार्टी अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर स्थिति स्पष्ट करेगी।

कुल मिलाकर, कांग्रेस ने मानसून सत्र में सरकार को विभिन्न मोर्चों पर घेरने की रणनीति तैयार कर ली है और संसद के दोनों सदनों में व्यापक बहस की तैयारी की जा रही है।

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