प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने शुभांशु को देश की ओर से शुभकामनाएं दीं और कहा कि वह भले ही भारत से दूर हों, लेकिन 140 करोड़ देशवासियों के हृदय के बेहद करीब हैं। पीएम ने उनके नाम और मिशन दोनों को देश के लिए “शुभ संकेत” बताया।
अंतरिक्ष से भारत भव्य नजर आता है: शुभांशु
बातचीत के दौरान शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष से भारत अत्यंत भव्य प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि यह केवल उनकी नहीं, बल्कि पूरे देश की यात्रा है। पीएम मोदी ने जब पूछा कि अंतरिक्ष में सब कुशल मंगल है, तो शुभांशु ने उत्साहपूर्वक उत्तर दिया कि यह उनके लिए एक नया और अविस्मरणीय अनुभव है।
‘गाजर का हलवा’ बना चर्चा का विषय
प्रधानमंत्री ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में पूछा कि क्या वह जो गाजर का हलवा साथ ले गए थे, उसे वहां साथियों को भी खिलाया? इस पर शुभांशु ने मुस्कराते हुए बताया कि वे मूंग और गाजर का हलवा लेकर गए थे, और सभी ने मिलकर उसका आनंद उठाया।
‘पृथ्वी की परिक्रमा का मिला सौभाग्य’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पृथ्वी माता की परिक्रमा करना भारत की सांस्कृतिक परंपरा रही है और अब अंतरिक्ष से भारत की परिक्रमा का सौभाग्य शुभांशु को मिल रहा है। इस पर शुभांशु ने बताया कि हाल ही में वे हवाई द्वीप के ऊपर से गुज़रे थे, और दिन में 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखना अपने आप में आश्चर्यजनक अनुभव है।
‘अंतरिक्ष से नहीं दिखती कोई सीमा’
प्रधानमंत्री ने जब पूछा कि अंतरिक्ष में पहुंचने पर पहला विचार क्या आया, तो शुभांशु ने बताया कि पृथ्वी का पहला दृश्य ही बेहद भावुक कर देने वाला था। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से कोई सीमाएं नहीं दिखतीं – बस एक अद्भुत, एकजुट और भव्य धरती दिखाई देती है।
‘यहां सब कुछ अलग है’
अंतरिक्ष की जीवनशैली पर बात करते हुए शुभांशु ने कहा कि यहां का वातावरण पूरी तरह अलग है – न ग्रैविटी है और न ही सामान्य जीवन की कोई सुविधा। पीना, सोना और चलना जैसी सामान्य गतिविधियां भी चुनौती बन जाती हैं, लेकिन गहन प्रशिक्षण से इन परिस्थितियों से तालमेल बैठाया गया।
भारत की यादें और माइंडफुलनेस
पीएम मोदी ने जब माइंडफुलनेस और ध्यान से जुड़े सवाल किए, तो शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष की परिस्थितियां व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बनाती हैं। यहां माइंडफुलनेस की अहम भूमिका है, और भारत की यादें हर पल उनके साथ रहती हैं।
गगनयान मिशन का पहला पड़ाव
बातचीत के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने इस मिशन को गगनयान अभियान की सफलता की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष की नहीं, बल्कि भारत के विकसित भविष्य की उड़ान का प्रतीक है। आने वाले समय में भारत स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा और वैश्विक मंच पर एक नई भूमिका निभाएगा।