ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए नई सलाह जारी की है। विदेश मंत्रालय ने ईरान में मौजूद भारतीयों से कहा है कि वे जल्द से जल्द तेहरान छोड़ दें। साथ ही, जब तक शहर से बाहर निकलने की व्यवस्था नहीं बनती, तब तक किसी सुरक्षित स्थान पर रुकने की भी सलाह दी गई है।

भारतीय दूतावास की ओर से बताया गया कि जो भारतीय नागरिक या भारतीय मूल के व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत व्यवस्था से तेहरान से बाहर जा सकते हैं, उन्हें ऐसा करने और सुरक्षित स्थान पर ठहरने का सुझाव दिया गया है।

दूतावास ने तेहरान में रह रहे उन सभी भारतीयों से, जो अब तक दूतावास के संपर्क में नहीं हैं, अपील की है कि वे तत्काल संपर्क करें और अपना वर्तमान ठिकाना तथा संपर्क विवरण साझा करें। सहायता के लिए भारतीय दूतावास के हेल्पलाइन नंबर हैं:
+98-9010144557, +98-9128109115 और +98-9128109109।

भारतीय छात्रों की वापसी का कार्य प्रारंभ

ईरान-इस्राइल संघर्ष की पृष्ठभूमि में भारत सरकार ने वहां मौजूद छात्रों को सुरक्षित स्वदेश लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अभी तक तीन विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है, और अन्य छात्रों के लिए भी स्थानांतरण जारी है। जानकारी के अनुसार, ईरान में करीब 10,000 भारतीय छात्र हैं, जिनमें लगभग 1,500 कश्मीरी छात्र शामिल हैं। अधिकांश छात्र चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे हैं।

हवाई मार्ग बंद, आर्मेनिया के ज़रिए निकासी

सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ईरान का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते निकाला जा रहा है। वहां से उन्हें जॉर्जिया और फिर वेस्ट एशिया के ज़रिए भारत लाया जाएगा। बताया गया कि 110 छात्रों का पहला जत्था आर्मेनिया की सीमा तक पहुंच चुका है। इससे पूर्व, सोमवार को भारतीय दूतावास ने छात्रों को तेहरान से निकालने हेतु बसों की व्यवस्था की थी।

किन विश्वविद्यालयों से छात्रों को निकाला गया?

  • तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज,
  • इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी,
  • ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज – इन संस्थानों के सभी भारतीय विद्यार्थियों को सुरक्षित ठिकानों पर भेज दिया गया है।

शहीद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के छात्रों को वेलेंजक यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 2 से सुबह 10 बजे (ईरानी समयानुसार) कोम शहर की ओर रवाना किया गया।
उर्मिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज से भी छात्रों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा गया है।

वहीं, शिराज यूनिवर्सिटी और इस्फहान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के अधिकारियों से भारतीय दूतावास की बातचीत पूरी हो चुकी है और यहां से छात्रों को मंगलवार सुबह निकाला जाएगा।
अराक यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की निकासी के लिए दूतावास ने विशेष सहयोग का अनुरोध किया है।