कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इसके पीछे की असल वजह की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह मामला धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच का है, इसलिए वही स्पष्ट कर सकते हैं कि वास्तव में क्या हुआ।
खरगे ने आरोप लगाया कि राज्यसभा के सभापति रहते हुए धनखड़ का रुख हमेशा सरकार के पक्ष में रहा। उन्होंने कहा, “जब भी विपक्ष ने किसानों, गरीबों, महिलाओं, दलितों और विदेश नीति से जुड़े मुद्दे उठाने की कोशिश की, हमें बोलने का अवसर नहीं दिया गया। कई बार हमने नोटिस देकर महत्वपूर्ण विषयों को सदन में उठाना चाहा, लेकिन उन्होंने अनुमति नहीं दी।”
“धनखड़ को खुद बताना चाहिए कारण”
खरगे से जब पूछा गया कि क्या धनखड़ को किसानों के मुद्दों पर बोलने के चलते इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा, तो उन्होंने कहा, “मुझे इसकी जानकारी नहीं है। वे सदैव सरकार की ओरदारी करते रहे हैं। इस्तीफे का कारण वही बेहतर बता सकते हैं।”
कर्नाटक कांग्रेस नेतृत्व पर बोले खरगे
खरगे ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी में संभावित नेतृत्व परिवर्तन को लेकर उठे सवाल पर कहा कि इस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी। उन्होंने कहा कि समय आने पर निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ही केपीसीसी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, लेकिन राज्य में उनके स्थान पर नए अध्यक्ष की मांग उठ रही है क्योंकि वे दो महत्वपूर्ण पदों पर काबिज़ हैं।
स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर दिया इस्तीफा
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए यह कदम उठाया। हालांकि उनके इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में कई अटकलें लगाई जा रही हैं।