अहमदाबाद में बीते गुरुवार को हुए भीषण विमान हादसे के बाद मृतकों की पहचान के लिए डीएनए जांच का सहारा लिया जा रहा है। रविवार को स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि 32 मृतकों की पहचान डीएनए टेस्टिंग के माध्यम से की जा चुकी है, जबकि अब तक 12 परिवार अपने स्वजन के शवों की पहचान कर चुके हैं। इसी के साथ गुजरात सरकार ने परिजनों को शव सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
विजय रूपाणी के शव की भी पहचान
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी इस हादसे में निधन हुआ था। उनकी पहचान भी डीएनए परीक्षण द्वारा कर ली गई है। राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस संबंध में पुष्टि की। सरकार की ओर से हादसे के पीड़ित परिवारों के सहयोग के लिए 230 टीमें गठित की गई थीं, जो समन्वय का कार्य देख रही हैं।
192 एंबुलेंस की व्यवस्था, हजार लोगों की टीम सक्रिय
242 यात्रियों और चालक दल के साथ लंदन जा रहे विमान बोइंग 787-8 (AI171) के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद राज्य सरकार ने 192 एंबुलेंस विभिन्न जिलों से मंगाई हैं। इन एंबुलेंस में ड्राइवर के साथ सपोर्ट स्टाफ भी मौजूद है। करीब 1000 लोगों की विशेष टीम शवों को परिजनों तक पहुंचाने के कार्य में लगी हुई है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि शवों को उनके घर तक पहुंचाने में किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। अब तक 31 डीएनए नमूनों का मिलान हो चुका है, जिनमें से 13 शवों को उनके परिवारों को सौंपा जा चुका है।
हर दो घंटे पर मेडिकल बुलेटिन, 24×7 ड्यूटी पर मेडिकल स्टाफ
तेजी से जानकारी देने हेतु अहमदाबाद सिविल अस्पताल की ओर से हर दो घंटे में मेडिकल बुलेटिन जारी किया जा रहा है। वहां 590 डॉक्टर और पैरामेडिकल कर्मी 24 घंटे कार्यरत हैं। जैसे ही किसी मृतक की पहचान होती है, संबंधित दस्तावेजों की औपचारिकताएं पूरी कर शव परिजनों को सौंपा जा रहा है।
ट्रांसपोर्ट के लिए अलग टीम की तैनाती
शव लेने आए परिजनों के लिए आवागमन की अलग व्यवस्था की गई है। उदाहरण स्वरूप, यदि कोई परिजन दस लोगों के साथ आया है तो उन सभी को वापस ले जाने की जिम्मेदारी ट्रांसपोर्टेशन टीम की है।
अत्यधिक जल चुके शवों की पहचान में मुश्किल
विमान ने सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद मेघानीनगर स्थित मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त होकर आग की चपेट में आ गया था। हादसे में एमबीबीएस के पांच छात्रों समेत 241 यात्रियों की मौत हो गई। सिर्फ एक यात्री बच पाया।
शवों की स्थिति इतनी भयावह है कि अधिकांश बुरी तरह से जल या क्षत-विक्षत हो चुके हैं, जिनकी पहचान केवल डीएनए जांच के जरिए ही संभव है। शनिवार को मंत्री हर्ष संघवी ने जानकारी दी कि 19 और शवों की पहचान डीएनए रिपोर्ट के आधार पर की जा चुकी है।