कोलकाता: अर्जेंटीना के फुटबॉल सुपरस्टार लियोनल मेसी के कोलकाता आगमन के दौरान युवभारती स्टेडियम में हुए अव्यवस्था के विवाद के बाद, पश्चिम बंगाल के खेल और युवा कल्याण मंत्री अरूप विश्वास ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा कि निष्पक्ष जांच के हित में वह विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं।

इस्तीफा सार्वजनिक
तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने मंगलवार को अरूप विश्वास के इस्तीफे का पत्र सोशल मीडिया पर साझा किया। पत्र की तारीख 15 दिसंबर 2025 अंकित है, हालांकि इसमें मंत्री के हस्ताक्षर नहीं दिख रहे हैं। इस्तीफे की जानकारी के बाद विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत नवान्न तलब किए गए।

मेसी कार्यक्रम में हुई अफरातफरी
13 दिसंबर को सॉल्ट लेक स्टेडियम में मेसी के आगमन पर हजारों फैंस एक झलक पाने के लिए पहुंचे। जैसे ही मेसी मैदान पर आए, सुरक्षा घेरा टूट गया और दर्शकों का नियंत्रण कठिन हो गया। स्टेडियम में मौजूद लोग दूर से भी मेसी को ठीक से नहीं देख पाए, और स्थिति बिगड़ने पर सुरक्षा कारणों से मेसी को मैदान से बाहर ले जाना पड़ा

सरकार की कार्रवाई
इस मामले में विधाननगर के डीसीपी अनीश सरकार को ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा राज्य खेल सचिव राजेश कुमार सिन्हा को कारण बताओ नोटिस, और साल्ट लेक स्टेडियम के सीईओ डीके नंदन की सेवाएं वापस ले ली गई हैं।

मुख्य सचिव ने बताया कि इस पूरे मामले की गहन जांच के लिए चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है, जो कार्यक्रम में हुई लापरवाही और अव्यवस्था की जांच करेगी।

राजनीतिक प्रतिक्रिया
कुणाल घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजधर्म का पालन किया है और निष्पक्ष जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की है। उन्होंने आरोप लगाया कि वाम शासन के दौरान ईडन गार्डन्स में 1980 और 1996 में हुई घटनाओं पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जबकि मौजूदा सरकार युवभारती मामले की गंभीरता से जांच करा रही है।