नाबालिग की पहचान उजागर करने पर भाजपा नेता अमित मालवीय को नोटिस

कोलकाता। पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भाजपा नेता और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय को एक नाबालिग की पहचान उजागर करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग इलाके में हुई एक नाबालिग की संदिग्ध मौत के संबंध में की गई है, जिसमें मालवीय ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से पीड़िता की तस्वीर साझा की थी।

आयोग की अध्यक्ष तूलिका दास ने बताया कि एक्स (पूर्व ट्विटर) पर की गई एक पोस्ट में मृत नाबालिग की धुंधली तस्वीर शामिल थी, लेकिन वह पहचानने योग्य स्थिति में थी। इसे किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74 का उल्लंघन माना गया है, जो नाबालिगों की पहचान गोपनीय रखने का प्रावधान करता है।

पुलिस ने कहा— नाबालिग की मौत जहरीला पदार्थ खाने से

बारुईपुर पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। पुलिस का कहना है कि लड़की की मृत्यु जहरीला पदार्थ सेवन करने से हुई और इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ उन पर भी केस दर्ज किया गया है, जिन्होंने सोशल मीडिया पर नाबालिग की तस्वीर साझा की।

आयोग ने स्वतः लिया संज्ञान, राजनीतिक निष्पक्षता की बात

आयोग ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है। जब यह पूछा गया कि क्या यह राजनीतिक प्रतिक्रिया है, तो अध्यक्ष तूलिका दास ने स्पष्ट किया कि आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और वह किसी भी मामले में राजनीतिक विचारों से प्रभावित हुए बिना कार्रवाई करता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इससे पूर्व दमदम में एक चुनावी रैली में बच्चों के उपयोग और संदेशखली प्रकरण में भी आयोग ने दखल दिया था।

तीन दिन में मांगा जवाब

आयोग ने अमित मालवीय को तीन दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया है। आयोग का कहना है कि सार्वजनिक मंचों पर नाबालिग की पहचान प्रकट करना कानूनन अपराध है और इस मामले में सभी कानूनी पहलुओं की जांच की जा रही है।

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