कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मंगलवार को इज़रायल के हमलों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि इज़रायल फिलिस्तीन में नरसंहार कर रहा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा कि अब तक 60,000 से अधिक लोगों की जान गई है, जिनमें 18,430 बच्चे शामिल हैं। लाखों लोग भूखमरी के खतरे में हैं, जिनमें बड़ी संख्या में बच्चे भी हैं। इस पर भारत सरकार की चुप्पी को उन्होंने शर्मनाक बताया और कहा कि निष्क्रियता ऐसे अपराधों को बढ़ावा देती है, जो खुद एक अपराध है।
प्रियंका गांधी ने अल-जजीरा के पांच पत्रकारों की हत्या को भी ‘जघन्य अपराध’ बताया। उन्होंने कहा कि इज़रायली हिंसा और नफरत के सामने सच्चाई का साथ देने वालों का साहस कभी नहीं टूटेगा। उन्होंने इन पत्रकारों को असली पत्रकारिता की मिसाल बताया और ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
इस पर भारत में इज़रायली राजदूत रूवेन अजार ने प्रियंका गांधी के आरोपों को भ्रामक बताते हुए कहा कि इज़रायल ने 25,000 हमास आतंकवादियों को मारा है और हताहतों की संख्या हमास की उस रणनीति का नतीजा है, जिसमें वे नागरिकों को ढाल बनाते हैं और मानवीय सहायता रोकते हैं। उन्होंने दावा किया कि गाज़ा में 20 लाख टन से अधिक भोजन भेजा गया, लेकिन हमास ने उसे ज़ब्त कर भुखमरी बढ़ाई। उनके अनुसार, पिछले 50 सालों में गाज़ा की आबादी 450% बढ़ी है, इसलिए नरसंहार का दावा गलत है।
भारत ने पहले ही स्पष्ट किया है कि वह इज़रायल-फिलिस्तीन विवाद के समाधान के लिए ‘टू-स्टेट’ फ़ॉर्मूले का समर्थन करता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा था कि कूटनीति के ज़रिये समाधान खोजने और गाज़ा में खाद्य व आवश्यक सामग्री की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की जरूरत है।