पुणे के चर्चित पोर्श कार हादसे में किशोर न्याय बोर्ड (JJB) ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी पर बालक के रूप में मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। यह आदेश मंगलवार को जारी किया गया, जिसमें बोर्ड ने पुलिस की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें आरोपी को वयस्क मानकर सुनवाई की मांग की गई थी।
तेज रफ्तार कार ने ली थी दो आईटी प्रोफेशनल्स की जान
19 मई 2023 को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में हुई इस घटना में 17 वर्षीय किशोर पर तेज रफ्तार पोर्श कार से मोटरसाइकिल सवार दो युवाओं को टक्कर मारने का आरोप है। हादसे में आईटी सेक्टर में काम करने वाले अनीश अवधिया और अश्विनी कोस्टा की मौके पर ही मौत हो गई थी। यह मामला देशभर में सुर्खियों में आ गया था, जिसमें पुलिस ने आरोपी को जघन्य अपराध का दोषी ठहराते हुए वयस्क के तौर पर मुकदमा चलाने की अपील की थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुधार गृह भेजने का आदेश माना था अवैध
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 जून 2024 को आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे सुधार गृह भेजे जाने के आदेश को अवैध करार दिया था। अदालत ने कहा था कि किशोरों से जुड़े मामलों में कानून का पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए और किशोर न्याय अधिनियम के अनुरूप ही कार्रवाई होनी चाहिए।
300 शब्दों के निबंध पर मिली थी जमानत, उठे थे सवाल
हादसे के बाद आरोपी को पुलिस ने सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने की शर्त पर तुरंत जमानत दे दी थी, जिस पर देशभर में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। हालांकि बाद में इस मामले में जांच के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिशों की बात भी सामने आई थी।
अब किशोर न्याय बोर्ड के निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि आरोपी पर बालक के रूप में ही मुकदमा चलेगा, जिससे उसे कानून के तहत विशेष संरक्षण मिलेगा।