गुजरात में किसानों और पशुपालकों के समर्थन में आयोजित एक महापंचायत में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि राज्य में सत्ता का घमंड और भ्रष्टाचार चरम पर है और अब जनता का आक्रोश ही इस सरकार को जवाब देगा।
उन्होंने कहा कि जिन पशुपालकों को हर साल जून में बोनस दिया जाता था, उन्हें इस बार 9.5 फीसदी लाभांश का वादा तो किया गया, लेकिन अब तक राशि नहीं मिली। इस देरी से गरीब किसानों के सामने खाद-बीज की खरीद, बच्चों की फीस और घरेलू खर्च जैसे अहम मसलों पर संकट खड़ा हो गया है।
केजरीवाल ने सवाल किया कि पिछले वर्षों में जब किसानों को 16 से 17 प्रतिशत लाभांश मिलता रहा, तो इस साल अचानक यह 9.5 प्रतिशत क्यों कर दिया गया? उन्होंने दावा किया कि किसानों का पैसा खर्च करके रैलियां चलाई जा रही हैं और सत्ता में बैठे लोग ऐशो-आराम में डूबे हैं। उन्होंने मृत पशुपालक अशोक चौधरी के परिवार को मुआवजा न देने पर भी सरकार की आलोचना की।
बोनस की घोषणा ‘आप’ के कार्यक्रम से पहले क्यों?
आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष इशुदान गढ़वी ने 18 जुलाई को प्रेसवार्ता में एलान किया था कि 23 जुलाई को केजरीवाल और मान गुजरात दौरे पर आएंगे। इसके कुछ घंटों बाद सरकार ने पशुपालकों को 17.5 प्रतिशत बोनस देने की घोषणा कर दी, लेकिन अभी तक वह राशि वितरित नहीं की गई है।
सहकारी क्षेत्र पर कब्जे का आरोप
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि राज्य के सहकारी क्षेत्र को भाजपा ने अपने नियंत्रण में ले लिया है, जबकि इसे किसानों द्वारा संचालित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर पशुपालकों को उनका अधिकार मिल जाए, तो क्षेत्र की गरीबी काफी हद तक कम की जा सकती है।
पंजाब मॉडल का ज़िक्र
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए केजरीवाल ने कहा कि अब राज्य के 60 प्रतिशत खेतों तक सिंचाई सुविधा पहुंच चुकी है और अगले वर्ष तक यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुँच जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब में खेती के लिए बिजली मुफ्त दी जा रही है।
भगवंत मान ने भी साधा निशाना
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि साबर डेयरी में बोनस और दूध के दाम बढ़ाने की मांग को लेकर जुटे पशुपालकों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया गया, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई। उन्होंने कहा कि इसके बाद 82 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर दी गई ताकि आंदोलन को दबाया जा सके।
उन्होंने यह भी दावा किया कि जैसे पंजाब ने बदलाव का रास्ता चुना, वैसे ही गुजरात की जनता भी इस बार विकल्प को मौका देगी। उन्होंने राज्य की सड़कों की हालत पर तंज कसते हुए कहा, “यहां गड्ढों में सड़कें हैं, सड़कों में गड्ढे नहीं।”