संसद के मॉनसून सत्र के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई चर्चा में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के एक बयान ने विशेष ध्यान खींचा। उन्होंने पाकिस्तान और अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा, "डोनाल्ड ट्रंप को चुप कराओ, वरना भारत में मैकडॉनल्ड्स को बंद कर दो।" उनके इस बयान के बाद से न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में, बल्कि सोशल मीडिया पर भी अमेरिकी फास्ट फूड चेन मैकडॉनल्ड्स को लेकर बहस छिड़ गई है।
बयान से उठे सवाल, सोशल मीडिया पर गर्म चर्चा
हुड्डा ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा कथित सीजफायर पहल की आलोचना करते हुए यह टिप्पणी की। इसके बाद सोशल मीडिया पर मैकडॉनल्ड्स के कारोबार और भारत में उसकी उपस्थिति को लेकर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।
दुनियाभर में फैला है कंपनी का नेटवर्क
मैकडॉनल्ड्स को विश्व की सबसे बड़ी फास्ट फूड श्रृंखलाओं में गिना जाता है। वर्ष 1940 में शुरू हुई यह कंपनी आज 70 से अधिक देशों में सक्रिय है। इसकी बाज़ार पूंजी लगभग 213.42 अरब डॉलर (करीब 18 लाख करोड़ रुपये) आँकी गई है। भारत में भी इसके सैकड़ों आउटलेट हैं और यह हजारों लोगों को रोज़गार देता है।
क्या कंपनी पर पड़ेगा असर?
बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने कंपनी को भारत से बाहर करने की मांग की। हालांकि, सरकार या किसी अधिकृत संस्था की ओर से अब तक इस विषय पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
कंपनी का संचालन और वैश्विक स्थिति
मैकडॉनल्ड्स के वर्तमान सीईओ और चेयरमैन क्रिस्टोफर जॉन केम्पजिंस्की हैं। यह कंपनी न केवल फास्ट फूड के क्षेत्र में अग्रणी है, बल्कि दुनिया की 100 सबसे मूल्यवान कंपनियों में भी शामिल है। भारत में इसकी मज़बूत उपस्थिति के चलते यह घरेलू बाजार में एक महत्वपूर्ण नाम बन चुकी है।