कर्नाटक के रायचूर जिले में गुरजापुर बैराज के पास नदी में धकेलने की घटना ने नया मोड़ ले लिया है। शुरुआत में जहां एक युवक ने अपनी पत्नी पर फोटो खींचने के बहाने उसे नदी में धकेलने का आरोप लगाया था, वहीं अब जांच में सामने आया है कि उसकी पत्नी नाबालिग है। इस खुलासे के बाद अब पति समेत उसके परिवार के दस सदस्यों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोपी युवक की पहचान ततप्पा के रूप में हुई है, जिसके खिलाफ रायचूर महिला पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। पीड़िता ने अपने बयान में बताया है कि ततप्पा ने शादी की रात और एक महीने बाद उसके साथ शारीरिक शोषण किया। खास बात यह है कि आरोपी को पत्नी की उम्र का पता होने के बावजूद उसने यौन संबंध बनाए।
पॉक्सो एक्ट लागू न करने पर आयोग की नाराज़गी
पहले इस मामले में पॉक्सो कानून के तहत प्रकरण न दर्ज करने को लेकर राज्य बाल अधिकार आयोग ने रायचूर महिला पुलिस पर नाराज़गी जताई थी। आयोग ने इस संबंध में आईजी स्तर तक शिकायत की थी। इसके बाद बाल संरक्षण इकाई ने नाबालिग लड़की को संरक्षण में लेकर पर्यवेक्षण गृह भेज दिया।
पति ने लगाया था नदी में धकेलने का आरोप
इससे पहले ततप्पा ने दावा किया था कि उसकी पत्नी ने फोटो खिंचवाने के बहाने उसे गुरजापुर बैराज पर नदी में धकेल दिया था, लेकिन वह किसी तरह बच निकला। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिससे मामला चर्चा में आया।
बाल विवाह उजागर होने से पुलिस ने शुरू की जांच
इस विवाद के चलते पुलिस को जब पत्नी की उम्र की जानकारी मिली तो बाल विवाह की पुष्टि हुई। रायचूर महिला पुलिस ने अब मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
बाल विवाह की सामाजिक समस्या उजागर
इस प्रकरण ने एक बार फिर बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को उजागर कर दिया है। यदि यह घरेलू विवाद सामने न आता तो शायद यह बाल विवाह का मामला भी सामने नहीं आता। यह संकेत है कि आज भी समाज के कुछ हिस्सों में यह प्रथा जारी है, जिस पर सख्त कार्रवाई की ज़रूरत है।