पूर्वी दिल्ली। दिल्ली दंगे में ऑटो चालक की हत्या के मामले में कड़कड़डूमा स्थित कोर्ट ने आठ लोगों पर आरोप तय कर दिए। वहीं मुस्लिम समुदाय के 11 लोगों को आरोप मुक्त कर दिया। कोर्ट ने आदेश में कहा कि मृतक मुस्लिम समुदाय से था। गवाहों के बयान और घटना के वीडियो से पता चलता है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों की उसकी पिटाई में कोई भूमिका नहीं थी। बल्कि वे उसके के हमदर्द थे।
खजूरी खास थाना क्षेत्र में 25 फरवरी 2020 को दंगाइयों ने ऑटो चालक बब्बू की हत्या कर दी थी। उस पर पथराव करने के साथ डंडे से पिटाई भी की गई थी। दंगाई उसे घायल अवस्था में सड़क और छोड़ कर भाग गए थे। घायल अवस्था में उसे जीटीबी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
हिंदू और मुसलमान समुदाय के 19 लोगों को बनाया आरोपी
घटना के दो दिन बाद उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मृतक के भाई पप्पू के बयान के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी पंजीकृत की थी। मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट बताई गई थी। इस मामले में पुलिस ने हिंदू और मुस्लिम समुदाय के 19 लोगों को आरोपित बनाया था।
समुदायों के बीच द्वेष बढ़ाने समेत कई आरोप तय
इस मामले में कोर्ट ने राहुल उर्फ अजय, संदीप उर्फ संजीव, हरजीत सिंह, कुलदीप, भारत भूषण उर्फ लकी, धर्मेंद्र, सचिन गुप्ता और सचिन रस्तोगी के खिलाफ दंगा करने, हत्या करने, समुदायों के बीच द्वेष बढ़ाने समेत कई आरोप तय किए हैं। वहीं कोर्ट ने रिजवान, इसरार, तैयब, इकबाल, जुबेर, मारूफ, शमीम उर्फ लाला, आदिल, शाहबुद्दीन, फरमान और इमरान को आरोपों से मुक्त कर दिया।