दिल्ली बजट पेश किए जाने से पहले खीर सेरेमनी हुई. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भगवान राम को भोग लगाया. इस तरह की सेरेमनी पहली बार हुई है. इसके बाद कल यानी 25 मार्च को दिल्ली का बजट पेश होना है. इसके अलावा, जिन लोगों ने बजट के सुझाव दिए हैं, उन्हें खीर दिया जाएगा.
एक तरफ दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता दिल्ली बजट के लिए “खीर समारोह” कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ AAP विधायक दिल्ली विधानसभा के अंदर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे दिल्ली सरकार से पूछ रहे हैं कि महिला लाभार्थियों को 2500 रुपये प्रति माह कब मिलेंगे?
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मंगलवार को बजट पेश करेंगी. आज यानी सोमवार से दिल्ली का बजट सत्र शुरू होगा जो 28 मार्च तक चलेगा. सीएम रेखा गुप्ता ने दिल्ली के बजट की रूपरेखा बताई है. उन्होंने इस बजट को ‘विकसित दिल्ली बजट’ करार दिया और बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, प्रदूषण और जलभराव की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर दिल्ली का बजट कैसे तय होता है, केंद्र से इसके लिए कितनी मदद मिलती है और दिल्ली की आमदनी के सोर्स क्या हैं?
दिल्ली एक केंद्रीय शासित क्षेत्र है, जिसका प्रशासन केंद्र और राज्य दोनों द्वारा साझा किया जाता है. दिल्ली के बजट को राज्य सरकार द्वारा तैयार किया जाता है, लेकिन इस पर केंद्र सरकार का भी प्रभाव होता है. यह दिल्ली सरकार के खर्चों और आमदनी से संबंधित होता है. इसमें मुख्य रूप से राज्य के विकास कार्य, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पुलिस, और अन्य बुनियादी सेवाओं के लिए धन आवंटित किया जाता है.
दिल्ली को केंद्र से मिलने वाली वित्तीय मदद केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं पर निर्भर करती है. केंद्र से प्राप्त होने वाली मदद का मुख्य स्रोत केंद्रीय योजनाएं और फंडिंग होती हैं. केंद्र सरकार के कई प्रमुख योजनाओं, जैसे स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिल्ली को मदद मिलती है.