रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया कि इस साल 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की जांच रिपोर्ट सामने आ चुकी है। उन्होंने कहा कि प्लेटफॉर्म 14 और 15 को जोड़ने वाले फुट ओवरब्रिज (एफओबी-3) की सीढ़ियों पर शाम करीब 8:48 बजे यह घटना तब घटी, जब एक यात्री के सिर से भारी सामान नीचे गिरा, जिससे अचानक भीड़ में अफरातफरी मच गई।
मंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे स्टेशन पर भीड़ बढ़ रही थी, कई यात्री भारी बोझ के साथ फुट ओवरब्रिज से गुजर रहे थे। इसी दौरान अचानक संतुलन बिगड़ने से कुछ लोग गिर पड़े और बाकी यात्री एक-दूसरे पर चढ़ते चले गए। हादसे में 18 लोगों की मौत हुई, जबकि 15 गंभीर रूप से घायल हुए।
33 पीड़ितों को 2 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा
सरकार ने इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी है। वहीं गंभीर रूप से घायल प्रत्येक व्यक्ति को 2.5 लाख और अन्य घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता दी गई है। कुल 33 पीड़ितों और उनके परिवारों को 2.01 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई।
भीड़ नियंत्रण के लिए नई व्यवस्था लागू
रेल मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए रेलवे ने कई कदम उठाए हैं। देश के 73 प्रमुख स्टेशनों पर अब स्थायी होल्डिंग एरिया बनाए जा रहे हैं ताकि यात्रियों को भीड़ से अलग रखा जा सके। इसके अलावा, अब केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक जाने की अनुमति दी जा रही है।
फुट ओवरब्रिज की चौड़ाई बढ़ाई जा रही है, सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं और ‘वार रूम’ जैसी सुविधाएं भी शुरू की जा रही हैं, ताकि भीड़ पर रियल टाइम निगरानी रखी जा सके।
सपा सांसद के सवाल पर मिला जवाब
यह जानकारी उस वक्त सामने आई जब समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में इस घटना की जांच और उठाए गए सुधारात्मक कदमों को लेकर सवाल किया। जवाब में रेल मंत्री ने भरोसा दिलाया कि रेलवे विभाग भविष्य में यात्रियों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है और उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को तेजी से लागू किया जा रहा है।