दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मंत्री प्रवेश वर्मा और भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने दयाल सिंह कॉलेज के पास डीटीसी बस डिपो के अंदर सुनहरी पुल नाले को ढकने के काम का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि हम यहां मशीनों से ट्रायल कर रहे हैं। सालों से गाद पड़ी है, जो पत्थर बन चुकी है। उसे किसी तरह से निकाला जाएगा। यहां फायर की मशीनें लगी हुई हैं। हर तरह की मशीन लगाई गई है। अलग-अलग एजेंसी को भी समाधान के लिए बुलाया गया है। बारिश के मौसम के लिए दिल्ली तैयार की जा रही है।
मानसून में सड़कों पर जलभराव की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार पूरा जोर लगा रही है। बीते रविवार को एलजी वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने कई नालों की सफाई के कार्याें का निरीक्षण किया था।
पिछले मानसून में जलभराव और स्थानीय निवासियों की शिकायतों के बाद एलजी के निर्देश पर कई नालों की सफाई का काम शुरू किया गया था। इनमें प्रमुख रूप से बारापुला, सुनहरी और कुशक नाला शामिल हैं।
निरीक्षण के दौरान एलजी ने कहा था कि जलभराव की समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, डूसिब, आईएंडएफसी और अन्य सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं। कहा गया कि वे मानसून से पहले ड्रेनेज सिस्टम की सफाई और सुधार कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करें।
वहीं, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था कि जब तक बड़े नालों की पूरी तरह से सफाई नहीं होगी और जल वहन करने की क्षमता नहीं बढ़ेगी, तब तक जलभराव की समस्या बनी रहेगी। बारापुला और सुनहरी पुल सहित प्रमुख नालों के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी से जलभराव होता है।
दिल्ली सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए फ्लड एंड इरीगेशन विभाग को विशेष रूप से जिम्मेदारी सौंपी है। इस विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह समयबद्ध तरीके से नालों से गाद आदि निकाले। इसके लिए उचित बजट का प्रावधान किया गया है और कार्य की समयसीमा भी तय कर दी गई है।
विधायक और मंत्रियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश शुरू होने से पहले ही सभी नालों की सफाई पूरी कर ली जाएगी, ताकि बारिश के दौरान जलभराव की समस्या न हो। छोटे नालों की सफाई को भी बड़ा मिशन बनाया गया है। सभी मंत्रियों को अलग-अलग परियोजनाओं की जिम्मेदारी दी गई है।
विधायकों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। यह काम केवल कागजों में काम पूरा होने की औपचारिकता नहीं होगी, बल्कि जनता और विधायकों से फीडबैक लिया जाएगा कि कार्य सही तरीके से हुआ या नहीं। सरकार की प्राथमिकता है कि इस बार दिल्ली में कहीं भी जलभराव न हो और नाले ओवरफ्लो न हों।