हिमाचल प्रदेश के चंबा में मंगलवार सुबह एक घंटे के भीतर दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलोजी (एनसीएस) के अनुसार, पहला भूकंप सुबह 3:27 बजे आया जिसकी तीव्रता 3.3 रही और यह 20 किलोमीटर गहराई में दर्ज किया गया। करीब एक घंटे बाद 4:39 बजे 4.0 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। भूकंप से लोगों में डर का माहौल पैदा हुआ, लेकिन अभी तक किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है।
कुल्लू और मंडी में बादल फटने से भारी नुकसान
हिमाचल में बारिश और भूस्खलन का सिलसिला जारी है। कुल्लू और मंडी में बादल फटने से कई स्थानों पर तबाही हुई। कुल्लू जिले की लगघाटी के भूभू जोत में कड़ौन पंचायत में दो मकान, दो पुल और तीन दुकानें बह गई हैं, जबकि करीब 15 परिवारों की कृषि भूमि बर्बाद हो गई। कुल्लू-कालंग सड़क बंद होने के कारण चार दुर्गम पंचायतों का संपर्क कट गया है। भुंतर-मणिकर्ण-बरशैणी मार्ग भी बंद हो गया है। क्षेत्र के स्कूल, कॉलेज और अन्य प्रशिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया।
पार्वती घाटी के रशोल गांव के पास भूस्खलन में नेपाल मूल की महिला दीपा (45) की मौत हो गई। इसके अलावा, किन्नौर में कैलाश यात्रा के दौरान पत्थर गिरने से गौरव (गाजियाबाद) नामक श्रद्धालु की भी मौत हुई। अब तक यात्रा में पांच श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है। प्रशासन ने कैलाश यात्रा को रोक दिया है और यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को मलिंग खट्टा से लौटाया जा रहा है।
मंडी जिले की चौहारघाटी की तरसवाण पंचायत में बादल फटने से स्वाड़ और सिल्हबुधाणी में भारी नुकसान हुआ। सिल्हबुधाणी में पांच फुट का पुल, एक दुकान, सराय और खेत बह गए, जबकि स्वाड़ में मत्स्य पालन के दो फिश फार्म और दस टैंक पानी में बह गए। उच्च पाठशाला तरसवाण परिसर में भी मलबा घुस गया।
सिरमौर के अगड़ीवाला गांव में भूस्खलन से छह किलोमीटर क्षेत्र धंस गया, जिससे गांव में खतरा पैदा हो गया और प्रशासन ने सात परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया। राजधानी शिमला के बैनमोर में भूस्खलन के खतरे के चलते हिमुडा कॉलोनी के 116 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक गोकुल बुटेल और आशीष बुटेल के आवास भी खाली करवा लिए गए हैं, क्योंकि ये भूस्खलन वाले इलाके के ठीक नीचे स्थित हैं।