मुजफ्फरनगर: बीएसए कार्यालय के प्रधान लिपिक अशोक मलिक ने बिना अनुमति अपने बंद कमरे का ताला तोड़कर बैठने का मामला सामने आया है। बीएसए संदीप कुमार ने बताया कि इस अनुशासनहीन हरकत के बाद उन्होंने मलिक से स्पष्टीकरण मांगा है।

सूत्रों के अनुसार प्रधान लिपिक का तबादला पहले खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, नगर क्षेत्र में किया गया था, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। इसके चलते नगर क्षेत्र कार्यालय से निलेश पंवार को उनके स्थान पर भेजा गया और मलिक का वेतन भी रोक दिया गया था। हाल ही में अशोक मलिक एक पत्र लेकर बीएसए कार्यालय पहुंचे, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनका स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिया गया है। इसी आधार पर उन्होंने बिना अनुमति अपने पुराने कमरे का ताला तोड़कर उसमें बैठना शुरू कर दिया।

माना जा रहा है कि यह कमरा पहले डीसी विकास त्यागी के गायब होने के मामले में गठित समिति के समक्ष सील किया गया था। बीएसए संदीप कुमार ने स्पष्ट किया कि उन्हें उच्च अधिकारियों द्वारा कोई आदेश निरस्तीकरण की सूचना नहीं मिली है। इस घटना ने कार्यालय के माहौल पर सवाल खड़ा कर दिया है और कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।

बीएसए ने कहा, “प्रधान लिपिक का स्थानांतरण नगर कार्यालय में किया गया था, जहां उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। अब उन्होंने कार्यालय में आकर अनुशासनहीनता को बढ़ावा दिया है, जिस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।”