मुजफ्फरनगर। जिले के किसान अपना गेहूं सरकारी क्रय केंद्रों के बजाए खुले बाजार में बेच रहे हैं। किसानों को बाजार में सरकारी रेट से ज्यादा दाम मिल रहे हैं। सरकार ने समर्थन मूल्य 2125 रुपये घोषित किया है, जबकि वर्तमान में बाजार में 2200 से 2300 तक के दाम मिल रहे हैं। पंजीकरण और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने का झंझट भी किसान के लिए मुश्किल है।

सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपये क्विंटल घोषित किया है। इस बार किसान को बाजार में 2300 रुपये क्विंटल तक के दाम मिल रहे हैं। इस कारण सरकारी क्रय केंद्र सूने पड़े हैं। नवीन मंडी स्थल पर भारतीय खाद्य निगम के क्रय केंद्र पर एक दाना खरीद भी नहीं हुई हैं। क्रय केंद्र प्रभारी मनमोहन का कहना है कि वह तो एक अप्रैल से प्रतिदिन यहां गेहूं खरीद के लिए आ रहे हैं। अभी तक उनके पास कोई किसान गेहूं लेकर नहीं आया है।

नवीन मंडी स्थल पर पीसीएफ के क्रय केंद्र प्रभारी हितेश का कहना है कि उन्होंने 16 किसानों से 557 क्विंटल गेहूं खरीदा है। बाजार में अच्छे दाम मिलने के कारण सरकारी क्रय केंद्रों पर कम लोग आ रहे हैं। नवीन मंडी में गेहूं के व्यापारी रविंद्र कुमार का कहना है कि इस बार सरकारी क्रय केंद्रों से अधिक पैसा किसानों को व्यापारियों से मिल रहा है। बाजार में 2200 से 2300 रुपये क्विंटल तक गेहूं बिक रहा है। मध्यप्रदेश का गेहूं 2900 से 3500 तक बिक रहा है।

गेहूं व्यापारी अंकुश कुच्छल का कहना है कि हमारे यहां गेहूं की खरीद 2130 से 2300 तक हुई है। बाजार में इस बार अच्छा दाम है। मंडी में गेहूं बेचने आए किसान मिंटू का कहना है कि सरकारी केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण, जांच पता नहीं क्या-क्या झंझट। पैसे भी बाद में मिलते हैं। यहां सरकार से ज्यादा पैसे और बिना किसी झंझट के साथ के साथ मिल रहे हैं।

खरीद में पिछले साल से भी पीछे
जिला खाद्य विपणन अधिकारी कमलेश सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष 675.20 मिट्रिक टन की खरीद हुई थी, इस वर्ष अब तक 400.55 मिट्रिक टन की खरीद हुई है। जिले का लक्ष्य 52 हजार मिट्रिट टन खरीद का है। अब तक 131 किसानों से कुल 85 लाख का गेहूं खरीदा गया, जिसमें 59 लाख का भुगतान किसानों को कर दिया गया है। किसानों का 25 लाख बकाया है।

47 क्रय केंद्रों में से 23 पर एक दाना नहीं आया
जिले में गेहूं खरीद के लिए 47 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 23 क्रय केंद्र ऐसे है, जिनमें एक दाना गेहूं अभी तक नहीं आया है। इनमें पीसीएफ के 21 क्रय केंद्रों में से छहपर कोई किसान अभी तक नहीं आया। पीसीयू के 17 क्रय केंद्रों में से 11 पर कोई खरीद नहीं हो पाई। भारतीय खाद्य निगम का एक केंद्र है, उस पर अब तक कोई खरीद नहीं हो पाई हैं। डीएम ने आठ केंद्र स्वीकृत किए हुए हैं, इनमें भी दो ऐसे हैं, जिन पर अब तक कोई किसान गेहूं बेचने नहीं आया।

जिले से केवल 526 किसान पंजीकृत हुए
गेहूं बेचने के लिए किसान को पंजीकरण कराना होता है। जनपद में अब तक केवल 526 किसानों ने ही अपना पंजीकरण कराया है। इनमें 80 किसानों का तहसील से सत्यापन होना बाकी है। 22 का नाम एवं भूमि सत्यापन बाकी है। कुल 102 की जांच लंबित है। 423 किसान अभी तक सत्यापित हो पाए हैं, जिनमें 131 ने गेहूं क्रय केंद्रों पर दिया है।