भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर शेयर बाजार पर पड़ा है। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स और निफ्टी में 1.4% की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, शनिवार को दोनों देशों के बीच शांति वार्ता होने की उम्मीद है, जिससे सोमवार को बाजार में स्थिरता आ सकती है।
बाजार में गिरावट का कारण
शुक्रवार को निफ्टी 265.80 अंक (1.1%) की गिरावट के साथ 24,008 पर बंद हुआ। सभी सेक्टरों में बिकवाली का दबाव देखा गया। रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच भू-राजनीतिक तनाव ने भारतीय इक्विटी में अस्थिरता बढ़ा दी है।
प्रमुख आर्थिक संकेतक
- कॉरपोरेट आय और आर्थिक आंकड़े:
इस सप्ताह 500 से अधिक कंपनियां अपनी तिमाही आय की घोषणा करेंगी, जिनमें हीरो मोटोकॉर्प, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, आईटीसी, भारती एयरटेल जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। - अमेरिकी बाजार का असर:
वॉल स्ट्रीट में गिरावट का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ सकता है। शुक्रवार को डॉव 30 में 0.29% और एसएंडपी 500 में 0.07% की गिरावट रही। - एफआईआई/डीआईआई गतिविधि:
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 3,798.71 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 7,277.74 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। - रुपये की स्थिति:
शुक्रवार को रुपया 34 पैसे मजबूत होकर 85.37 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। आरबीआई के हस्तक्षेप से रुपया 86 के स्तर से नीचे रहा। - कच्चे तेल की कीमतें:
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रही, जो शेयर बाजार में अस्थिरता का कारण बन सकती है।
कॉर्पोरेट एक्शन और महंगाई के आंकड़े
आने वाले सप्ताह में डिविडेंड, डिमर्जर और राइट्स इश्यू जैसे कॉर्पोरेट एक्शन भी बाजार को प्रभावित करेंगे। इसके अलावा, सोमवार को जारी होने वाले सीपीआई और डब्ल्यूपीआई के आंकड़े महंगाई पर रोशनी डालेंगे।
बाजार में संभावित राहत
भारत-पाकिस्तान शांति वार्ता के सकारात्मक परिणाम से बाजार में स्थिरता आने की उम्मीद है। आर्थिक संकेतकों और कॉर्पोरेट परिणामों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।