भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और माइक्रो​ फाइनेंस कंपनियों द्वारा नए डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी करने को लेकर बुधवार को बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई ने मास्टरकार्ड जारी करने पर रोक लगा दी है। अब बैंक नए या पुराने ग्राहकों को मास्टर डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर पाएंगे। आरबीआई का यह फैसला 22 जुलाई से लागू होगा।

आरबीआई की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, कंपनी ने भुगतान प्रणाली डेटा के भंडारण पर आरबीआई के मानदंडों का उल्लंघन किया है। इसलिए RBI ने मास्टरकार्ड पर रोक लगाने का फैसला लिया है। यह रोक पेमेंट सेक्शन 17 और सैटलमेंट सिस्टम एक्ट 2007 के तहत लगाई गई है।

आरबीआई ने 6 अप्रैल, 2018 को जारी अपने एक सर्कुलर में कहा था कि सभी सिस्‍टम प्रोवाइडर्स को छह माह की अवधि के भीतर उनके द्वारा संचालित पेमेंट सिस्‍टम से संबंधित संपूर्ण डाटा (फुल एंड-टू-एंड ट्रांजैक्‍शन डिटेल्‍स/ इंफोर्मेशन कलेक्‍टेड/पेमेंट इंस्‍ट्रक्‍शन) को भारत में स्थित सिस्‍टम में ही स्‍टोर करना होगा। उन्‍हें इसकी अनुपालन रिपोर्ट आरबीआई को सौंपनी होगी और सीईआरटी-इन के पैनल में शामिल ऑडिटर द्वारा एक बोर्ड-अप्रूव्‍ड सिस्‍टम ऑडिट रिपोर्ट भी जमा करनी होगी।  

क्या होगा ग्राहकों पर असर
RBI के फैसले के बाद बैंक नए मास्टर कार्ड जारी नहीं कर पाएंगे। हालांकि रिजर्व बैंक ने स्‍पष्‍ट किया है कि पुराने मास्टर कार्ड जारी रहेंगे। इसका मतलब साफ है कि उनके डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर सभी सर्विस पहले की तरह जारी रहेंगी। उन पर कोई असर नहीं होगा।