भारत में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर बिना लाइसेंस बिक रहे चीनी वॉकी-टॉकी देश की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बनते जा रहे हैं। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद इनकी बेलगाम बिक्री पर रोक की मांग तेज हो गई है। आशंका है कि आतंकी संगठन इन वॉकी-टॉकी का दुरुपयोग कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
पहलगाम हमले के बाद केंद्रीय मंत्रालय ने बिना लाइसेंस वाले विक्रेताओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है। मंत्रालय ने ई-कॉमर्स साइटों को चेतावनी दी है कि अगर बिना लाइसेंस वाले चीनी वॉकी-टॉकी की बिक्री तुरंत नहीं रोकी गई, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, बिना अनुमति के वॉकी-टॉकी का उपयोग करने वालों पर भी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, टेलीग्राफ अधिनियम 1885, वायरलेस टेलीग्राफ अधिनियम 1933 और संशोधित वायरलेस लाइसेंस अधिनियम 2018 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
आतंकी साजिश में इस्तेमाल की आशंका
वॉकी-टॉकी रेडियो तरंगों पर आधारित होते हैं और ट्रांसपोंडर के बिना भी विशिष्ट फ्रीक्वेंसी पर संचार की अनुमति देते हैं। इस तकनीक के कारण आतंकियों को बिना इंटरनेट और ट्रैकिंग के संवाद का साधन मिल जाता है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। इसको देखते हुए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय ने बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने के लिए नोटिस जारी की है।
चीनी वॉकी-टॉकी की आसान उपलब्धता
बाओफेंग UV8D, टॉकप्रो, वर्टल डिजिटल लॉन्ग और मोटोरोला T82-T83 जैसे चीनी वॉकी-टॉकी भारत में आसानी से उपलब्ध हैं। ये ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर सस्ते दामों में बेचे जा रहे हैं। इनका उपयोग पुलिस, सरकारी संस्थान और निजी सुरक्षा एजेंसियां करती हैं, लेकिन इसके लिए संचार मंत्रालय की अनुमति जरूरी है।
हमले से पहले मिले थे इनपुट
पहलगाम हमले से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों को पश्चिम बंगाल में HAM (अमेच्योर रेडियो) के जरिए संदिग्ध इनपुट मिले थे। HAM रेडियो का उपयोग सख्त नियमों और लाइसेंस के तहत ही किया जा सकता है। एक शौकिया रेडियो ऑपरेटर अंबरीश डे ने पीएमओ और दूरसंचार मंत्रालय को इन अवैध वॉकी-टॉकी के उपयोग को लेकर शिकायत भेजी थी।
सियासी प्रतिक्रिया
बीजेपी राज्यसभा सांसद समीक भट्टाचार्य ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर मामला बताया और गृह मंत्रालय से प्राथमिकता से इसे उठाने की अपील की। वहीं, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि यह राज्य और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, जिस पर केंद्र ने पत्र लिखा है। उन्होंने इसे संवेदनशील मामला बताते हुए टिप्पणी करने से इनकार किया।
क्या है आगे की राह?
केंद्र सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। यदि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स इनकी बिक्री बंद नहीं करते, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, आतंकी साजिश में इनके उपयोग की संभावना को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं।