तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने शुक्रवार को ऐसे राजनीतिक दलों की तीखी आलोचना की जो मीडिया संस्थानों को अपने हितों की पूर्ति का साधन बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब राजनीतिक दल पत्रकारिता को अपने एजेंडे के तहत इस्तेमाल करते हैं, तो इससे मीडिया की विश्वसनीयता और स्वतंत्रता पर आघात होता है।
रेड्डी एक तेलुगू समाचार पत्र की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले राजनीतिक संगठन जनता तक अपने विचार पहुंचाने के उद्देश्य से समाचार पत्र शुरू किया करते थे, लेकिन आजकल इसका उद्देश्य बदल गया है।
राजनीतिक दल बना रहे मीडिया को बचाव का औजार
मुख्यमंत्री ने कहा, “अब कुछ दल मीडिया प्लेटफॉर्म इसलिए खड़ा कर रहे हैं ताकि वे अपने कदाचार पर परदा डाल सकें, अपनी संपत्तियों की सुरक्षा कर सकें और जो उनके खिलाफ बोलते हैं, उनकी छवि को धूमिल कर सकें।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि आजकल यह पहचानना मुश्किल नहीं रह गया है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद कोई व्यक्ति निष्पक्ष पत्रकार है या किसी दल विशेष से जुड़ा हुआ कार्यकर्ता, जो पत्रकार की भूमिका निभा रहा है।
पत्रकारिता के गिरते स्तर पर चिंता
रेड्डी ने पत्रकारों को सलाह दी कि वे स्वयं को ऐसे लोगों से दूर रखें जो राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं और पत्रकारिता के नाम पर पक्षपातपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उन्होंने चिंता जताई कि आज ऐसा समय आ गया है जब कई लोग बिना किसी पेशेवर योग्यता के खुद को ‘सोशल मीडिया पत्रकार’ बताने लगे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि कभी-कभी वह अपने विरोधियों के प्रति तीखी भाषा का इस्तेमाल कर लेते हैं, लेकिन ऐसा वह जवाबी हमले के रूप में करते हैं, क्योंकि विरोधी भी उनके विरुद्ध तीखे शब्दों का प्रयोग करते हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और मीडिया में घुसपैठ की चेतावनी
रेड्डी ने कहा कि मौजूदा दौर में मीडिया की स्थिति इतनी उलझनभरी हो गई है कि अब ईमानदार पत्रकारों को यह साबित करने के लिए सेमिनार करने पड़ते हैं कि असली पत्रकार कौन है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए बताया कि कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को पाकिस्तान के समर्थन में गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया है, जो मीडिया जगत की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।